कोरोना के बीच बिजली का झटका , हिमाचल में 30 पैसे से लेकर एक रुपये प्रति यूनिट तक बड़े रेट
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 06-08-2020
कोरोना संकट के बीच प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं को बड़ा झटका लगा है। सरकार ने हिमाचल में 30 पैसे से लेकर एक रुपये तक बिजली की दरें बढ़ा दी हैं।
मंत्रिमंडल के घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली बिलों पर दी जाने वाली सब्सिडी घटाने का फैसला लेने के बाद बुधवार को विद्युत नियामक आयोग ने नई दरें जारी कर दी हैं। एक जुलाई से नई दरों के हिसाब से बिजली बिल तय होंगे।
जून के बिल पुरानी दरों पर ही दिए जाएंगे। गौर हो कि नियामक आयोग ने बिजली दरें नहीं बढ़ाई हैं। सरकार की ओर से सब्सिडी कम करने से आयोग को नई दरें तय करनी पड़ी हैं। नियामक आयोग की ओर से जारी नए टैरिफ में बिजली दरों को तीन स्लैब में बांटा गया है।
खपत के अनुसार हर स्लैब की यूनिट का अलग से निर्धारण किया जाएगा। पहले स्लैब में शून्य से 125 यूनिट को रखा गया है। इसमें पूर्व की तरह 1.55 रुपये प्रति यूनिट का बिल आएगा। दूसरे स्लैब में शून्य से 125 यूनिट की दरें तीस पैसे बढ़ी हैं।
इसमें उपभोक्ताओं को 1.85 रुपये प्रति यूनिट देने होंगे। इसी स्लैब में 126 से 300 यूनिट तक 3.95 रुपये प्रति यूनिट बिल आएगा। पहले इस स्लैब में 2.95 रुपये लिए जाते थे। नया स्लैब सिस्टम बनने से एक रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली महंगी हुई है।
तीसरे स्लैब में शून्य से 125 और 126 से 300 यूनिट की दरें दूसरे स्लैब वाली रहेंगी। इसमें 300 से अधिक यूनिट बढ़ने पर प्रति यूनिट पांच रुपये देने होंगे। पहले 300 यूनिट से अधिक पर 4.40 रुपये प्रति यूनिट लगते थे। इस स्लैब में 60 पैसे प्रति यूनिट बिजली को महंगा किया गया है।
आयोग के अधिकारियों ने बताया कि जैसे-जैसे बिजली की खपत बढ़ेगी तो हर स्लैब में तय यूनिट्स के हिसाब से बिल तय होंगे। 125 यूनिट तक अलग, फिर 300 यूनिट तक अलग और 300 से ऊपर यूनिट पर तय दरों के हिसाब से बिल जारी होंगे।
सरकार ने प्री पेड मीटर का प्रयोग करने वाले उपभोक्ताओं को दी जाने वाली बिजली भी एक रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बढ़ा दी है। इन उपभोक्ताओं को अब 3.95 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली मिलेगी। 25 जून की कैबिनेट बैठक में सरकार ने बिजली पर दी जाने वाली सालाना 480 करोड़ की सब्सिडी का युक्तिकरण करने को मंजूरी दी थी।
अब नई दरों के तय होने से सरकार को करीब सौ करोड़ की सब्सिडी की बचत होगी। शून्य से 60 यूनिट वाले स्लैब में बिजली का प्रयोग करने वाले उपभोक्ताओं पर सरकार ने कोई बोझ नहीं डाला है। इन्हें प्रति यूनिट एक रुपये ही चुकाना होगा।