कारनामा : कहां गुम हो गये 848 विद्यार्थी शिक्षा विभाग को कोई खबर नहीं 

कारनामा : कहां गुम हो गये 848 विद्यार्थी शिक्षा विभाग को कोई खबर नहीं 

यंगवार्ता न्यूज़ - धर्मशाला  10-08-2021

हिमाचल प्रदेश के शिक्षा विभाग को यही पता नहीं है की पिछले डेढ़ साल में स्कूलों से कितने बच्चे गायब हो गए है। प्रदेश के सबसे बड़े जिला कांगड़ा में अभी भी हजारों विद्यार्थी बिना स्मार्ट फोन के शिक्षा की तकनीकी व्यवस्था से वंचित हो रहे हैं।

कांगड़ा के 15 विकास खंडों के विभिन्न स्कूलों के करीब 2339 विद्यार्थी ऐसे हैं, जिनके पास स्मार्ट फोन नहीं हैं। इनमें से कुछ ऐसे विद्यार्थियों की संख्या भी है, जो दूर-दराज के गांवों में रहते हैं और जहां इंटरनेट सुविधा न के बराबर है।

यह संख्या पहली से आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की है। वहीं नौवीं से जमा दो कक्षा में पढ़ने वाले भी हजारों विद्यार्थी अभी स्मार्ट फोन और इंटरनेट की सुविधा से वंचित हैं। वहीं जिला कांगड़ा में 848 विद्यार्थी ऐसे हैं, जिन्हें शिक्षा विभाग कोरोना के दौरान लगे लॉकडाउन में ट्रेस नहीं कर पाया है।

स्कूलों में पढ़ाने वाले अध्यापक इन छात्रों के साथ कनेक्ट ही नहीं हो पाए हैं। स्कूल की फाइलों में इनका नाम है, लेकिन न तो इन विद्यार्थियों ने ऑनलाइन कक्षाएं लगाई और न ही अध्यापक इनके साथ कनेक्ट हो पाए।

शिक्षा विभाग इन विद्यार्थियों तक पहुंचने में पूरी तरह से असमर्थ है। यह विद्यार्थी बाहरी राज्यों अथवा अन्य जिलों के हैं, जिन्होंने कोरोना काल में अपनी पढ़ाई छोड़ दी और घर लौट गए। वहीं कोरोना के बाद स्कूलों में दोबारा कक्षाएं न लगने की वजह से ये विद्यार्थी स्कूलों को वापस नहीं लौट पाए।

कोरोना महामारी ने इन बच्चों का स्कूल ही इनसे छीन लिया। कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन के दौरान पहले सबसे स्कूलों में छात्रों का आना बंद हुआ था। कोरोना की पहली लहर के बाद स्कूल कुछ समय के लिए खुले थे, लेकिन दूसरी लहर आते ही सबसे पहले स्कूलों को बंद किया गया।

अब दूसरी लहर के बाद स्कूलों में दो अगस्त से विद्यार्थी आना शुरू ही हुए हैं कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आहट शुरू हो गई है। छात्रों को अध्यापकों के साथ कनेक्ट रखने का एकमात्र उपाय ऑनलाइन कक्षाएं ही हैं, लेकिन जब विद्यार्थियों के पास स्मार्ट फोन ही नहीं होंगे, तो पढ़ाई कैसे होगी।

उधर, प्रारंभिक शिक्षा विभाग के उपनिदेशक मोहिंद्र कुमार ने कहा कि विभाग ने बिना स्मार्ट फोन अथवा बिना इंटरनेट की सुविधा वाले करीब 2339 विद्यार्थियों की सूची बनाई है। उन्होंने कहा कि इनमें से कुछ विद्यार्थी ऐसे हैं, जो दूर दराज के गांवों से संबंध रखते हैं और इंटरनेट की सुविधा न होने से अध्यापकों के साथ कनेक्ट नहीं हो पा रहे हैं। इनके लिए अध्यापक उनके घर जाकर सिलेबस से संबंधित और दूसरी पढ़ाई सामग्री पहुंचा रहे हैं, ताकि वह अपनी पढ़ाई जारी रख सकें।