यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 07-05-2023
आजादी के 75 वर्ष बीत जाने के बावजूद भी जुन्गा और ठियोग तहसील की सीमा पर बहने वाली नलटड़ी खडड के कांवती में पुल नहीं बन पाया है जिसके चलते पीरन पंचायत के बटोला सहित साथ लगते गांव के लोग हर साल बरसात में जान जोखिम में डाल कर खडड को रस्सी बांध कर लांघते हैं। सबसे अहम बात यह है कि स्थानीय पंचायत ने भी इस खडड पर फुटब्रिज न बनाने बारे पल्ला झाड़ दिया है। पंचायत द्वारा इस खडड पर फुटब्रिज निर्मित न करने बारे बीडीओ को पाती लिखकर असमर्थता जताई है।
पंचायत का कहना है कि इस पुल का स्पेन करीब 53 मीटर बनता है जिस पर 25 लाख की राशि व्यय होगी। पुल बनाने के लिए विशेषज्ञ तकनीकी और धन उपलब्ध न होना पंचायत ने मुख्य कारण बताया है। जिस बारे बीडीओ मशोबरा ने एक्सईएन ग्रामीण विकास शिमला को पत्र लिखकर अवगत करवा दिया गया है। बता दें कि हर वर्ष बरसात के मौसम में मशोबरा ब्लाॅक की अंतिम छोर की पंचायत पीरन के गांव बटोला, नालटा, मीमू, नट इत्यादि गांव के लोगों को रस्सी बांध कर कांवती में उफनती खडड को पार करना पड़ता है।
विशेषकर बटोला गांव के लोगों के घराट, घासनी और चारागाह इत्यादि खडड से पार है। दूसरी ओर पीरन पंचायत के लोगों की ठियोग तहसील के धरेच, सतोग, अलोटी और सिरमौर के शीलाबाग, कलयोंपाब इत्यादि क्षेत्र में रिश्तेदारी होने से आना जाना लगा रहता है। स्थानीय लोगों की मांग है कि इस खडड पर वाहन चलने योग्य पुल बनाया जाना चाहिए क्योंकि खडड के दोनों ओर एंबुलेंस सड़क बन चुकी है।
गौर रहें कि फुटब्रिज न होने के कारण लोगों को कई बार मजबूरी में वाया जघेड होते हुए करीब 15 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है। जानकारी के मुताबिक वर्ष 2006 में कांवती में नलटड़ी खडड पर पुल बनाया गया था जोकि पहली ही बरसात में बह गया था। ग्राम पंचायत पीरन के सचिव राजीव ठाकुर ने बताया कि फुटब्रिज निर्मित करने के लिए पंचायत के पास नवीनतम तकनीक और धनराशि उपलब्ध नहीं है जिसके चलते इस पुल का निर्माण लोनिवि के करवाना उचित रहेगा ।