कृषि क्षेत्र में प्रेरणा भूमि बनेगा हिमाचल : राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर
राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश तेजी से प्राकृतिक कृषि राज्य बनने की ओर अग्रसर है। इसलिए, देवभूमि को देश के अन्य राज्यों के लिए ‘प्रेरणा भूमि’ होना चाहिए
यंगवार्ता न्यूज़ - सोलन 02-06-2022
राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश तेजी से प्राकृतिक कृषि राज्य बनने की ओर अग्रसर है। इसलिए, देवभूमि को देश के अन्य राज्यों के लिए ‘प्रेरणा भूमि’ होना चाहिए और इसे देशभर के सभी कृषि विज्ञान केंद्रों के लिए प्राकृतिक कृषि के मामले में प्रमुख केंद्र की भूमिका निभानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था हमेशा से कृषि पर आधारित रही है। लेकिन, दुर्भाग्यवश इस अर्थव्यवस्था की दिशा विदेशी मॉडलों पर बनने लगी। विषय की सोच हममें थी वह बदलने लगी और इस सोच को बदलने की जिम्मेवारी जिन संस्थानों पर थी, उनकी सोच भी पश्चिम देशों से ही प्रभावित रही।
आई.सी.आर. के महानिदेशक डॉ त्रिलोचन महापात्रा ने कहा कि आई.सी.आर किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा मेें तेजी से अग्रसर है। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में आज आयात कम हुआ है और उत्पादकता बढ़ी है।
किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कृषि विज्ञान केेंद्र कार्य कर रहे हैं। तकनीकी के बेहतर उपयोग से हम इस लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य की सुरक्षा के लिए ‘टिकाऊ खेती’ की जानी चाहिए।
डॉ यशवन्त सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के कुलपति डॉ. राजेश्वर सिंह चंदेल ने राज्यपाल का स्वागत किया तथा प्राकृतिक कृषि से संबंधित किए जा रहे विभिन्न प्रयासों की जानकारी दी।
आई.सी.ए.आर. के उप-महानिदेषक ‘विस्तार शिक्षा’ प्रो. ए.के. सिंह ने राज्यपाल तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। आई.सी.ए.आर. के ए.डी.जी. डॉ. वी.पी. चाहल ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, आई.सी.आर के पदाधिकारी, सोलन की उपायुक्त कृतिका कुल्हारी, पुलिस अधीक्षक वीरेंद्र शर्मा, कृषि विश्वविद्यालयों के विस्तार शिक्षा निदेशक , कृषि विज्ञान केंद्रों के प्रमुख वैज्ञानिक तथा अन्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।