खुशखबरी : नौणी विवि पढ़ाएगा कि कैसे करते है औषधीय-सुगंधित पौधों की खेती 

खुशखबरी : नौणी विवि पढ़ाएगा कि कैसे करते है औषधीय-सुगंधित पौधों की खेती 

यंगवार्ता न्यूज़ - सोलन  05-04-2021
डा. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी जल्द ही औषधीय और सुगंधित पौधों के उत्पादन और प्रसंस्करण में उद्यमिता विकास पर एक व्यावसायिक प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम शुरू करेगा।

यह पाठ्यक्रम उन पांच व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में से एक होगा, जिसे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की विश्व बैंक द्वारा पोषित राष्ट्रीय कृषि उच्चतर शिक्षा परियोजना के तहत शुरू किया जाएगा।

औषधीय और सुगंधित पौधों के उत्पादन और प्रसंस्करण में उद्यमिता विकास पर व्यावसायिक प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम पर एक समीक्षा बैठक विवि के वन उत्पाद विभाग द्वारा आयोजित की गई थी। जिसमें विशेषज्ञ ऑनलाइन एवं ऑफलाइन माध्यम से जुड़े। वन उत्पाद विभाग की प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष डा. मीनू सूद ने प्रतिभागियों का स्वागत किया।

डा. अंजू धीमान, डीन औद्यानिकी महाविद्यालय और यूनिवर्सिटी में वोकेशनल प्रोग्राम के समन्वयक ने इन पाठ्यक्रमों के बारे में बताया। इस बैठक के दौरान डॉ. राजीव रैना, नौणी विवि के पूर्व प्रोफेसर और आईआईटी मंडी से डॉ. श्याम कुमार विषय विशेषज्ञ के रूप में शामिल हुए।

इस अवसर पर कुलपति डॉ. परविंदर कौशल ने कहा कि विश्वविद्यालय विद्यार्थियों को उद्यमियों में विकसित करने की दिशा में भरपूर प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय पांच विषयों में व्यावसायिक पाठ्यक्रम विकसित और शुरू करने की प्रक्रिया में आगे बढ़ रहा और अगले एक वर्ष में इन पाठ्यक्रमों पर एक करोड़ की राशि खर्च की जाएगी।

डा. कौशल ने औषधीय और सुगंधित पौधों पर कई उत्पादों और प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए विभाग को बधाई देते हुए कहा कि व्यावसायिक पाठ्यक्रम छात्रों, ग्रामीण युवाओं और उद्योग से जुड़े लोगों के कौशल विकास में सहायक होगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय औषधीय और सुगंधित पौधों के लिए एक इक्वेशन केंद्र स्थापित करने की प्रक्रिया में है।

यह वोकेशनल कोर्स औषधीय और सुगंधित पौधों के मूल्यवर्धन पर केंद्रित होगा और इसका उद्देश्य छात्रों को उद्यमिता विकास के साथ सशक्त बनाकर स्वतंत्र बनाना होगा। यह पाठ्यक्रम हिमालय औषधीय जड़ी बूटियों के उत्पादन, प्रसंस्करण, विपणन और मूल्यवर्धन के बारे में जानकारी प्रदान करेगा और जड़ी बूटी उद्यम के विकास में मूलभूत जानकारी प्रदान करने के लिए बनाया गया है।

यह प्रशिक्षुओं को छोटे एवं और बड़े स्तर पर औषधीय पौधों के उत्पादन के बारे में अपने ज्ञान को बढ़ाने में सहायता करेगा और हिमालय औषधीय पौधों के बेहतर प्रबंधन के लिए प्रशिक्षुओं के ज्ञान और कौशल को बढ़ाएगा।

इस अवसर पर डा. पीके महाजन, डा. भूपेंद्र गुप्ता, डीन वानिकी महाविद्यालय, लाइब्रेरियन डा. डीडी शर्मा, डा. केके रैना, समन्वयक एनएएचईपी आईडीपी, अन्य विभागों के अध्यक्ष और वन उत्पाद विभाग के संकाय ने भाग लिया। विशेषज्ञों के बीच पाठ्यक्रम को और अधिक आकर्षक और उद्योग की जरूरतों के अनुरूप बनाने पर विचार-विमर्श किया गया।