यंगवार्ता न्यूज़ - पांवटा साहिब 08-09-2021
ऐतिहासिक गुरु नगरी पांवटा साहिब में देश के पहले कवि दरबार का शुभारंभ हो गया है। नवनिर्मित कवि दरबार में आयोजित पहले कवि सम्मेलन में देश के विभिन्न राज्यों से कवि पहुंचे और अपनी रचनाओं के माध्यम से सिख इतिहास प्रस्तुत किया।
गुरु नगरी पांवटा साहिब में गुरु गोबिंद सिंह महाराज द्वारा अपने 52 कवियों के साथ कवि दरबार की परंपरा करीब 365 साल पहले शुरू की थी । जो परंपरा आज भी निरंतर निभाई जा रही है।
गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी पांवटा साहिब के प्रबंधक जगीर सिंह ने बताया कि संगतो के सहयोग से पांवटा साहिब कवि दरबार बनाकर तैयार किया गया है और गुरु गोविंद सिंह द्वारा शुरू की गई कवि दरबार की परंपरा को आज भी यहां बखूबी निभाया जा रहा है ।
उन्होंने कहा कि कवि दरबार में यहां पहला कवि सम्मेलन का आज आयोजन कर नवनिर्मित कवि दरबार का शुभारंभ किया गया । जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों से सभी धर्मों के कवियों ने भाग लिया और अपनी सुंदर रचनाएं पेश कर गुरू ग्रंथ साहिब जी के चरणों में अपनी हाजरी लगवाई। यहां आयोजित होने वाले कवि दरबार में विभिन्न धर्मों से जुड़े लोग अपनी कविता पाठ करते है।
कवि दरबार में पहुंचे कवियों गुरमीत सिंह, कुलवंत सिंह चौधरी, रजनी कौर, गुरमीत कौर, अमनदीप कौर, शुक्रगुजार आदि ने बताया कि सभी संगतो के लिए यह बेहद खुशी की बात है कि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा गुरु गोबिंद सिंह महाराज जी द्वारा शुरू की गई परंपरा को आज भी निभाया जा रहा है और अब यहां एक नया भव्य कवि दरबार कवियों के लिए तैयार किया गया है। जो देश और विश्व में पहला स्थान यहां स्थापित हुआ है इससे पहले कवियों के लिए अलग से कोई भी कवि दरबार स्थान स्थापित नहीं है ।
उन्होंने बताया कि इस कवि दरबार के मिलने से कवियों में भी खुशी की लहर है। उन्होंने बताया कि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा दरबार को इतना सुंदर रूप दिया गया है कि यह लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना है। यहां तैयार किया गया यह कवि दरबार पूरी तरह से वातानुकूलित है जिसमें हजारों लोग एक साथ बैठकर कविता पाठ सुन सकते है।