विद्यार्थियों के कुल भार का सिर्फ दस फीसदी होगा स्कूल बैग का भार, अधिसूचना जारी  

विद्यार्थियों के कुल भार का सिर्फ दस फीसदी होगा स्कूल बैग का भार, अधिसूचना जारी  

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला   07-03-2021

हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के कुल भार का सिर्फ दस फीसदी ही स्कूल बैग का भार होगा। प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) से जारी स्कूल बैग नीति 2020 को अधिसूचित कर दिया है। 

शैक्षणिक सत्र 2021-22 से सरकारी स्कूलों में नई व्यवस्था लागू होगी। उच्च शिक्षा निदेशालय ने शनिवार को सभी उपनिदेशकों और प्रिंसिपलों को इस बाबत निर्देश जारी कर दिए हैं। 

स्कूल बैग नीति-2020 के तहत प्रावधान किया है कि बैग का भार कम करने के लिए दो विद्यार्थी एक किताब शेयर कर सकेंगे। सेमेस्टर वार किताबें तैयार की जाएंगी। सप्ताह में 10 से 12 घंटे के हिसाब से ही विद्यार्थियों को होम वर्क मिलेगा। 

इसके लिए टाइम टेबल नए सिरे से तैयार करने को कहा है। शिक्षा मंत्रालय ने नई स्कूल बैग नीति के तहत कई उपायों की घोषणा की है। होमवर्क की समय सीमा कक्षा वार तय की है। दूसरी कक्षा तक कोई होमवर्क नहीं दिया जाएगा।

कक्षा 3 से 6 के लिए साप्ताहिक 2 घंटे तक का होमवर्क, कक्षा 6 से 8 के लिए प्रतिदिन एक घंटे का होमवर्क और कक्षा 9 से 12 के लिए अधिकतम 2 घंटे का होमवर्क होगा। 

बच्चों के बस्ते का वजन स्कूलों में तौला जाएगा और नियमित बैग के वजन की निगरानी होगी। प्रकाशकों को किताबों के पीछे उसका वजन छापना होगा। पहली कक्षा के छात्रों के लिए कुल तीन किताबें होंगी, जिनका वजन 1.078 किलो तक होगा।

बारहवीं में पढ़ने वाले छात्रों के लिए कुल छह किताबें होंगी, जिनका वजन 4.182 किलो तक होगा। बैग में किताबों का वजन 500 ग्राम से 3.5 किलो रहेगा।

कॉपियों का वजन 200 ग्राम से 2.5 किलोग्राम रहेगा। स्कूलों में गैर शिक्षण गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए बैग फ्री डे का आयोजन हर माह होगा। इसमें खेल, सांस्कृतिक, आर्ट्स, क्विज और क्राफ्ट से जुड़ी गतिविधियां होंगी।

वहीं स्कूलों में पीने के पानी की उचित व्यवस्था करनी होगी, ताकि विद्यार्थियों को पानी की बोतल न लानी पड़े। स्कूल बैग भी हल्के मैटेरियल से तैयार होगा। स्मार्ट क्लासरूम ज्यादा प्रयोग होगा।

किताबें स्कूलों में ही रखने का बंदोबस्त करने को कहा गया है। विद्यार्थियों को रोजाना घरों से किताबें नहीं लानी हाेंगी। जरूरत के समय विद्यार्थी किताबें स्कूल से ले जा सकेंगे। इसके लिए लॉकर सुविधा देनी होगी।