प्रदेश में नई शिक्षा नीति के तहत होगी पढ़ाई, शिक्षा को 8,024 करोड़ का बजट
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 07-03-2021
वित्त वर्ष 2021-2022 में शिक्षा के बजट पर बढ़ोतरी नहीं की गई है। सीएम जयराम ठाकुर के चौथे बजट में शिक्षा पर पिछले वर्ष की तर्ज पर 8,024 करोड़ के बजट का प्रावधान किया है।
वर्ष 2020-21 में भी सरकार ने शिक्षा पर 8,024 का ही बजट पारित किया था। फिलहाल अब सरकारी स्कूलों में नए वित्त वर्ष से नई शिक्षा नीति के नियम लागू हो जाएंगे।
सरकार ने फैसला लिया है कि तीसरी, चौथी और पांचवीं कक्षा के छात्रों की बोर्ड की तर्ज पर परीक्षाएं होंगी, वहीं अगर छात्र अच्छे नंबर नहीं लाते हैं, तो उन्हें फेल भी किए जाने का प्रावधान होगा।
इसके साथ ही 2021-2022 के बजट में राज्य सरकार ने सबसे बड़ी राहत एसएमसी व आउटसोर्स शिक्षकों को दी है।
इन शिक्षकों का वेतन सरकार ने 500 रुपए तक बढ़ा दिया है। इसके साथ ही मिड-डे मिल वर्कर व हेल्पर के वेतन में भी 200 रुपए तक की बढ़ोतरी सरकार ने की है। इस तरह से राज्य सरकार ने बजट में शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर भी कई योजनाएं शुरू की हैं।
हालांकि उम्मीद की जा रही थी कि शिक्षा का बजट इस बार बढ़ाया जाएगा। अब सवाल यह है कि राज्य सरकार किस तरह से प्रदेश विश्वविद्यालय, कालेज, व स्कूलों को बजट आवंटित करती है। कोविड काल की वजह से शिक्षा के बजट को सरकार ने बढ़ाया नहीं है।
बजट पेश करते हुए सीएम ने कहा कि इस नीति से प्रारंभिक बाल्यवस्था देखभाल और शिक्षा से लेकर उच्चतम स्तर तक शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक एवं दूरगामी परिवर्तन होगे।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का आधार सिद्धांत है कि शैक्षिक प्रणाली का उद्देश्य अच्छे इंसानों का विकास करना है, जो तर्कसंगत विचार और कार्य करने में सक्षम हों, जिनमें करुणा और सहानुभूति, साहस और लचीलापन, वैज्ञानिक चिंतन और रचनात्मक कल्पनाशक्ति, नैतिक मूल्य और धार हो। (एचडीएम)
मेधावी छात्रों के प्रवेश के लिए प्रशिक्षण के लिए ‘स्वर्ण जयन्ती सपुर-100’ योजना आरंभ की थी। योजना का विस्तार करते हुए गुणात्मक शिक्षा 20 में नई योजना टॉप 100 छात्रवृति योजना शुरू करने की घोषणा की है।
जिसके अंर्तगत सभी सरकारी स्कूलों से 5वीं कक्षा के बाद 100 प्रतिभाशाली छात्रों का चयन एससीईआरटी द्वारा किया जाएगा। चयनित बच्चों को नियमित मूल्याकंन के आधार पर छात्रवृति प्रदान की जाएगी।
स्कूली छात्रों को मिलने वाली स्पोर्ट्स डाइट मनी ब्लॉक स्तर पर 50 रुपए से बढ़ाकर 100 रुपए, ज़ोनल और जिला स्तर पर 60 रुपए से बढ़ाकर 120 रुपए और राज्य स्तर पर 75 रुपए से बढ़ाकर 150 रुपए प्रतिदिन प्रति छात्र कर दी है।
तीसरी, चौथी, पांचवीं और आठवीं के स्कूल एग्जाम जरूरी राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनरूप शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया के परिणामों का मूल्याकंन करने के लिए कक्षा 3, 5 और 8 में विद्यार्थिंयों को स्कूल की परीक्षा देनी अनिवार्य होगी।
सरकार ने छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करने के लिए पायलट आधार पर विज्ञान, गणित तथा स्पोकन इंग्लिश के विशेष कोर्स आरंभ करने की घोषणा भी की है।
इसके साथ ही आगामी वर्ष में विभिन्न माध्यमिक स्कूलों में 100 साइंस लैब्स स्थापित की जाएंगी तथा बच्चों की बौद्धिक क्षमता विकास के लिए शतरंज के खेल को प्रोत्साहित किया जाएगा।
सरकारी स्कूलों में एसएमसी द्वारा रखे गए सभी वर्ग के अध्यापकों के मानदेय की अधिकतम सीमा को 500 रुपए प्रतिमाह बढ़ाने की घोषणा सरकार ने की है।
इसके साथ ही विभिन्न विद्यालयों में आउटसोर्स आधार पर सेवाएं दे रहे शिक्षकों के मानदेय में भी 500 रुपए प्रतिमाह वृद्धि करने की घोषणा की है।