गुरुद्वारा श्री पांवटा साहिब में पिछले 15 दिनों में श्रद्धालुओं की भीड़ ने तोड़े पिछले 5 वर्ष के रिकॉर्ड
ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री पांवटा साहिब में पिछले 15 दिनों में श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़ ने पिछले 5 वर्ष के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। हालांकि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेठी की और पूर्ण व्यवस्था
यंगवार्ता न्यूज़ - पांवटा साहिब 25-06-2022
ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री पांवटा साहिब में पिछले 15 दिनों में श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़ ने पिछले 5 वर्ष के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। हालांकि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेठी की और पूर्ण व्यवस्था की गयी है।
श्रद्धालु भारी तादाद में पहुंचने से गुरुद्वारा प्रबंधक को भी श्रद्धालुओं को सुविधा पहुंचाने के लिए बड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। इन दिनों हेमकुंड की यात्रा शुरू हो गई है ऐसे में दिल्ली पंजाब हरियाणा आदि राज्यों के लोग भारी तादाद में पांवटा साहिब पहुंच रहे हैं।
हिमाचल उत्तराखंड की सीमा पर यमुना नदी के किनारे बसा जिला सिरमौर का पांवटा साहिब सिखों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है। पांवटा साहिब को दसवें सिख गुरु गोबिंद सिंह द्वारा स्थापित किया गया था। इस जगह का नाम पहले पाओटिका था, पौंटा शब्द का अर्थ है पैर, इस जगह का नाम इसके अर्थ के अनुसार सर्वश्रेष्ठ महत्व रखता है।
ऐसा माना जाता है कि सिख गुरु गोबिंद सिंह अपने घोड़े से जा रहे थे तथा इसी स्थान पर पहुंच कर उनके घोड़े अपने आप रुक गए थे, तो गुरु गोबिंद सिंह ने इसलिए पाओं और टीके को मिलाकर इसे पांवटा का नाम दिया। गुरु गोबिंद सिंह ने इसी स्थान पर गुरुद्वारा स्थापित किया था,साथ ही अपने जीवन के साढ़े 4 वर्ष यहीं गुजारे थे.
गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान हरभजन सिंह ने बताया कि हेमकुंड की यात्रा शुरू हो गई है ऐसे में पंजाब हरियाणा दिल्ली राज्यों के श्रद्धालु पहले पांवटा साहिब ऐतिहासिक गुरुद्वारा मैं दर्शन करने पहुंचते हैं। उसके बाद हेमकुंड जाते हैं हर 4 हजार से 5000 लोग प्रतिदिन यहां पर पहुंचते थे।
जिनके लिए गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा का प्रबंध किया जाता था पिछले वर्ष 2 वर्ष कोरोना की वजह से श्रद्धालु नहीं आ पाए अब श्रद्धालु का आना शुरू हुआ इस बार 20 से 25000 श्रद्धालु रोजाना पहुंच रहे हैं।
जिससे यहां पर गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा भी सुविधाएं प्रदान करने में मुसीबत झेलनी पड़ रही है उन्होंने कहा श्रद्धालुओं के लिए 24 घंटे लंगर की व्यवस्था पूरी की गई है
ऐतिहासिक गुरुद्वारा में देश सहित विदेशों से भी श्रद्धालु पहुंचे हैं। गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान ने बताया कि जब गुरद्वारा गुल्लक चेक किया जाता तो उसमें विदेशी करेंसी भी मिली है।