गांवों की सड़कों की मरम्मत के मामले में हिमाचल प्रदेश कमजोर राज्यों की श्रेणी में शुमार
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 27-06-2021
गांवों की सड़कों की मरम्मत के मामले में हिमाचल प्रदेश कमजोर राज्यों की श्रेणी में शुमार हुआ है। भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय की परफॉर्मेंस समीक्षा कमेटी ने पाया है कि डीएलपी के तहत सड़कों की मरम्मत के लिए पर्याप्त खर्च नहीं किया जा रहा है।
कमेटी ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़क मरम्मत की जिम्मेदारी राज्य सरकार की ही होती है। वर्ष 2019- 20 की सड़कों पर आधारित इस अध्ययन के अनुसार लद्दाख में डिफेक्ट लाइब्लिटी पीरियड (डीएलपी) के तहत खर्च शून्य प्रतिशत रहा है।
इसके अलावा जिन राज्यों का कमजोर प्रदर्शन रहा है, उनमें जम्मू कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश, तेलंगाना, झारखंड, मेघालय, मिजोरम और मणिपुर भी शामिल हैं। हिमाचल में केवल 74 फीसदी सड़कों पर ही इस तरह की मरम्मत की गई बाकी 26 फीसदी पर खर्च नहीं किया गया।
इसके अलावा ई-मार्ग पोर्टल में मैनुअल एंट्री के मामले में भी हिमाचल प्रदेश का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। हिमाचल प्रदेश से 40 प्रतिशत एंट्री हुई है। सड़कों की गुणवता के मामले में भी एक्शन टेकन रिपोर्ट वर्षों से लंबित पड़ी है। इसे केंद्र सरकार को नहीं भेजा गया है। इस बारे में भी केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने कड़ा संज्ञान लिया है।
जिन राज्यों से वर्षों से यह रिपोर्ट नहीं मिल रही है, उनमें हिमाचल प्रदेश सहित बिहार, उड़ीसा, झारखंड, आसाम, त्रिपुरा, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और मिजोरम शामिल हैं। कई राज्यों की बड़ी संख्या में राष्ट्रीय क्वालिटी कंट्रोल मॉनिटर की एसीआर भी लंबित पड़ी है।
यह 12 महीने से लेकर 24 महीने पुरानी भी हैं। यह बैठक इस साल तीन फरवरी को हुई थी। बैठक के बाद अब इसके मिनट्स और रिपोर्ट हिमाचल सरकार को भेजे गए हैं।