चावल के निर्यात को लेकर भारत सरकार सख्त, बासमती को छोडक़र सभी तरह के चावल के निर्यात पर बैन

भारत सरकार ने चावल के निर्यात को लेकर सख्त फैसला लिया है। सरकार ने बासमती चावल को छोडक़र सभी तरह के कच्चे चावल के निर्यात पर बैन लगा दिया है.....

चावल के निर्यात को लेकर भारत सरकार सख्त, बासमती को छोडक़र सभी तरह के चावल के निर्यात पर बैन

न्यूज़ एजेंसी - नई दिल्ली     21-07-2023

भारत सरकार ने चावल के निर्यात को लेकर सख्त फैसला लिया है। सरकार ने बासमती चावल को छोडक़र सभी तरह के कच्चे चावल के निर्यात पर बैन लगा दिया है। यह फैसला आगामी त्योहारी सीजन के दौरान घरेलू डिमांड में बढ़ोतरी और खुदरा कीमतों पर नियंत्रण को ध्यान में रखकर लिया गया है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की ओर से जारी अधिसूचना में गुरुवार को यह जानकारी दी गई। 

अधिसूचना के मुताबिक बासमती चावल और सभी तरह के उसना चावल के निर्यात नीति में कोई बदलाव नहीं किया गया है यानी केवल गैर-बासमती कच्चा चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया गया है। 

हालांकि भारत से बड़े पैमाने पर बासमती चावल का निर्यात किया जाता है। सरकार ने गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर बैन लगाकर घरेलू बाजार में बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने का फैसला किया है।

पिछले कुछ दिनों में चावल की कीमतों में तेज बढ़ोतरी देखी जा रही है, इस महीने चावल के दाम में 10 से 20 फीसदी तक का उछाल आया है। हालांकि कुछ शर्तों के साथ चावल के निर्यात को अनुमति दी जाएगी। अगर नोटिफिकेशन से पहले जहाजों में चावल की लोडिंग शुरू हो गई है तो उसके निर्यात की अनुमति होगी। 

इसके अलावा उन मामलों में भी चावल के निर्यात की अनुमति होगी, जहां सरकार ने दूसरे देशों को इसकी इजाजत दे रखी है। सरकार ने इन देशों के फूड सिक्योरिटी की जरूरतों को देखते हुए इस तरह की अनुमति दी है। देश में पिछले कुछ समय से खाने-पीने की चीजों की कीमत में काफी तेजी आई है। गेहूं, चावल, दूध और सब्जियों की कीमत तेजी से बढ़ी है। 

चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में लगभग 15.54 लाख टन सफेद चावल का निर्यात किया गया है, जो कि एक साल पहले की अवधि में केवल 11.55 लाख टन ही था यानी सालाना आधार पर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में निर्यात में 35 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।