न्यूज़ एजेंसी - नई दिल्ली 20-03-2021
सरकारी तेल कंपनियों की ओर से आज 21वें दिन भी पेट्रोल और डीजल की कीमतों में किसी तरह का बदलाव नहीं हुआ है। आज भी देश में पेट्रोल और डीजल के दाम उच्चतम स्तर पर है। सरकार ने लोकसभा में कहा कि पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी, सेस और सरचार्ज से मोटी कमाई होती है।
सरकार ने यह स्वीकार किया कि छह मई 2020 के बाद से एक लीटर पेट्रोल से 33 रुपये का मुनाफा हो रहा है। वहीं एक लीटर डीजल से सरकार को 32 रुपये की कमाई हो रही है। जबकि मार्च 2020 से पांच मई 2020 के बीच उसकी ये आय क्रमशः 23 रुपये और 19 रुपये प्रति लीटर थी।
एक जनवरी 2020 से 13 मार्च 2020 तक एक लीटर पेट्रोल और डीजल से सरकार को क्रमश: 20 रुपये और 16 रुपये मिले। यानी एक जनवरी 2020 से तुलना करें, तो सरकार की आय प्रति लीटर पेट्रोल से 13 रुपये और डीजल से 16 रुपये बढ़ी है। सरकार ईंधन की अधिक कीमत और उसे फ्रीज करने के लिए आलोचनाओं का सामना कर रही है।
विपक्ष ईंधन की कीमतों में राजनीतिक रूप से फ्रिज पर सवाल उठाता रहा है क्योंकि देश में पेट्रोलियम उत्पादों की दरें अंतरराष्ट्रीय स्तर की कीमतों पर आधारित होती हैं। विपक्ष सरकार से सवाल कर रहा है कि देश में विधानसभा चुनावों के बीच पेट्रोल और डीजल की कीमतें स्थिर कैसे हैं।
केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने इस संदर्भ में कहा कि अन्य देशों की तुलना में देश में ईंधन की ज्यादा और कम कीमतों के कई कारण हैं, जैसे टैक्स प्रणाली, सब्सिडी, आदि।
इससे पहले पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि इस मुद्दे पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार को बैठकर बात करनी होगी क्योंकि तेल पर दोनों सरकारों द्वारा टैक्स वसूला जाता है। उन्होंने कहा कि जब केंद्र सरकार को पेट्रोलियम पर राजस्व प्राप्त होता है, तो इसका करीब 41 फीसदी हिस्सा राज्यों के पास जाता है।