जयराम-अनुराग की तल्खी पर भाजपा हाईकमान की खामोशी में छिपे है कई राज 

जयराम-अनुराग की तल्खी पर भाजपा हाईकमान की खामोशी में छिपे है कई राज 
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  21-11-2020
 
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और केंद्रीय वित्त एवं कारपोरेट राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर की तकरार में हाईकमान की खामोशी में भी क्या कोई राज है? अनुराग ने जहां जयराम सरकार की सीयू मामले में कार्यशैली से सार्वजनिक मंच पर असंतोष जताया, वहीं मुख्यमंत्री ने भी मंच से ही उन्हें कड़ा जवाब दिया। इससे हिमाचल में सियासी बवंडर खड़ा हुआ है।
 
बावजूद इसके भाजपा के नवनियुक्त प्रभारी अविनाश राय खन्ना कह रहे हैं कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है। खन्ना भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के करीबी हैं। उनके पूरे प्रकरण में इस तरह आंखें मूंद लेने के कई राजनीतिक अर्थ निकाले जा रहे हैं।
 
शुक्रवार शाम को अनुराग ने नया बयान जारी कर सीएम का आभार जताते हुए कहा कि भाजपा एक संगठित परिवार है। 17 नवंबर को कांगड़ा के डाडासीबा में मंच से अनुराग ठाकुर ने केंद्रीय विवि के भू अधिग्रहण मामले में सरकार की लेटलतीफी पर सवाल खड़ा किया। उन्होंने मुख्यमंत्री के सामने मौजूदा सरकार की कार्यशैली पर व्यंग्य बाण छोड़े।
 
दूसरी ओर, जयराम ने केंद्रीय नेताओं की भूमिका याद करवाई। दोनों के बीच यह तीखी बयानबाजी सोशल मीडिया में भी खूब वायरल हुई। सीएम ने दूसरे दिन फिर कहा कि शायद अनुराग को इस मामले की तकनीकी जानकारी नहीं है। उन्होंने सांकेतिक शब्दों में यह भी कहने का प्रयास किया कि सार्वजनिक मंच से ऐसी बात नहीं होनी चाहिए।
 
शुक्रवार को कभी धूमल परिवार के करीबी रहे और अब जयराम कैबिनेट में सबसे वरिष्ठ राजस्व मंत्री महेंद्र सिंह ने भी प्रेस बयान जारी कर इस प्रकरण पर सरकार की कार्यशैली पर स्थिति स्पष्ट की।

उन्होंने मामला केंद्र के पास वन एवं पर्यावरण की मंजूरी के लिए पड़ा होने के बाद इस बारे में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर को कहा है कि वह पर्यावरण मंत्रालय से इन तकनीकी कठिनाइयों का निवारण करवाएं। उन्होंने 20 अन्य योजनाएं भी गिनाईं, जो वहां फंसी हैं।
 
भाजपा प्रभारी अविनाश राय खन्ना कह रहे हैं कि अनुराग की बात के गलत मायने निकाले जा रहे हैं, जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है। अनुराग ने इस बारे में ताजा बयान भी जारी कर दिया है, जबकि सवाल यह है कि अगर कुछ भी नहीं हुआ तो सफाई में इतने बयान जारी क्यों हो रहे हैं। उधर, कांग्रेस को घर बैठे मुद्दा दे दिया गया है।