जल प्रलय के बाद प्रदेश सरकार का पूरा फोकस अभी राहत और पुनर्वास पर : मुकेश अग्निहोत्री

उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि इस समय प्रदेश सरकार का पूरा फोकस राहत और पुनर्वास पर है। पर्यटकों को सुरक्षित घर रवाना करने, बाढ़ पीड़ितों को राहत प्रदान करने और प्रभावित क्षेत्रों में सड़क, बिजली, पानी तथा मोबाइल नेटवर्क की जल्द से जल्द बहाली के लिए युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है। उप मुख्यमंत्री ने यह बात मंडी में गुरुवार को राहत और पुनर्वास कार्यों का जायजा लेने के उपरांत पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए

जल प्रलय के बाद प्रदेश सरकार का पूरा फोकस अभी राहत और पुनर्वास पर : मुकेश अग्निहोत्री
यंगवार्ता न्यूज़ - मंडी  13-07-2023
 
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि इस समय प्रदेश सरकार का पूरा फोकस राहत और पुनर्वास पर है। पर्यटकों को सुरक्षित घर रवाना करने, बाढ़ पीड़ितों को राहत प्रदान करने और प्रभावित क्षेत्रों में सड़क, बिजली, पानी तथा मोबाइल नेटवर्क की जल्द से जल्द बहाली के लिए युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है। उप मुख्यमंत्री ने यह बात मंडी में गुरुवार को राहत और पुनर्वास कार्यों का जायजा लेने के उपरांत पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि इस आपदा से प्रदेश को लगभग 4 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश में आए जल प्रलय में सबसे बड़ी चुनौती जल महकमे के सामने आई है। विभाग की 10 हजार में से करीब 50 फीसदी योजनाएं बाढ़ से प्रभावित हुई हैं। इससे जल शक्ति महकमे को करीब 1 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। विभाग की ज्यादातर योजनाएं नदी किनारे हैं। 
 
 
बाढ़ आने से पंप हाउस, मशीनरी, लाइनें, सोर्स ध्वस्त हो गए हैं। पंप हाउस में गाद भरने से संचालन ठप हुआ है। ऐसे विकट हालात में पानी की सप्लाई बहाल करना एक कठिन चुनौती है। लेकिन सरकार इस चुनौती पर पार पाने के लिए पूरी ताकत से जुटी है। विभाग के अधिकारी दिन रात की परवाह किए बगैर चौबीसों घंटे फील्ड में डटे हैं। मुख्य अभियंता से लेकर फील्ड स्टाफ तक पानी बहाली के लिए दिन रात एक कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में विभाग के सभी अधिकारियों-कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। दिन रात एक कर पानी की व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए युद्धस्तर पर काम किया जा रहा है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग प्रयास कर रहा है कि अगले 24 घंटे में मंडी शहर में पानी की नॉर्मल सप्लाई बहाल की जा सके। लेकिन बाढ़ से 82 करोड़ की ऊहल पेयजल योजना प्रभावित होने से समस्या विकट हुई है। इसे सुचारू करने के लिए पूरी वर्क फोर्स और मशीनरी जुटी हुई है। श्री अग्निहोत्री ने कहा कि इसके अलावा पड्डल पेयजल योजना को भी बहुत नुकसान हुआ है। 
 
 
इसे बहाल करने के लिए सरकार ने फौरी तौर पर 2 करोड़ रुपये जारी किए हैं। इसके पुनर्निर्माण के साथ लोगों को पानी की सुचारू सप्लाई के लिए नई मशीनरी मंगवा ली गई है, इससे शहर के लिए पेयजल की वैकल्पिक व्यवस्था बहाल हो जाएगी। भविष्य में यह योजना बाढ़ से बची रहे इसके लिए नदी की ओर से प्रोटेक्शन वॉल लगाई जाएगी। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि पेयजल योजनाओं की बहाली तक जल शक्ति विभाग मंडी शहर में टैंकर और सार्वजनिक नल लगाकर पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करेगा। विभाग ने शहर में पानी आपूर्ति के लिए 60 टैंकर चलाए हैं। वहीं चिन्हित जगहों पर सार्वजनिक नलों के जरिए पेयजल आपूर्ति के प्रयास किए गए हैं। श्री अग्निहोत्री ने कहा कि मंडी में सीवरेज योजना को भी बड़ा नुकसान हुआ है। रघुनाथ का पधर और खलियार में सीवरेज लाइन क्षतिग्रस्त हुई हैं। इन्हें ठीक करने के लिए भी तेज गति से काम किया जा रहा है। उन्होंने इस बात पर संतोष जताया कि इस आपदा में एचआरटीसी बसों का बेड़ा पूरी तरह सुरक्षित है। 
 
 
जहां कुछ जगहों पर बसें फंसी भी हैं, वे भी सुरक्षित हैं। मंडी में ज्यादातर रूट बहाल कर लिए गए हैं। इससे पहले उप मुख्यमंत्री ने पंचवक्त्र महादेव मंदिर में रिस्टोरेशन कार्य का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि भीषण बाढ़ के बावजूद मंदिर पूरी तरह सुरक्षित है तथा इसमें स्थापित भगवान महादेव समेत सभी विग्रह यथास्थान स्थापित एवं सुरक्षित हैं। उन्होंने मंदिर के गर्भगृह से गाद निकालने के साथ महादेव समेत अन्य विग्रहों को साफ करने का कार्य कर लिया गया है। मंदिर परिसर में अभी सिल्ट निकालने का काम जारी है। उन्होंने मंदिर में माथा टेका तथा बाढ़ पीड़ितों के कुशल क्षेम के लिए प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारियों को मंदिर परिसर की पूरी साफ सफाई के निर्देश दिए गए हैं। 
 
 
मंदिर के समुचित रखरखाव को लेकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकारियों को भी बुलाया जाएगा। उन्होंने पड्डल पेयजल योजना का निरीक्षण करते हुए वहां पम्प हाउस में चल रहे रिस्टोरेशन कार्य की समीक्षा की तथा अधिकारियों को योजना के पुनर्बहाली कार्य को और गति देने के निर्देश दिए। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ के कारण कुल्लू मनाली क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। सड़कें बंद होने से वहां फंसे पर्यटकों को निकालने के लिए सरकार ने बड़े पैमाने का निकासी अभियान चलाया है। पिछले कल 40 हजार पर्यटकों की सुरक्षित निकासी सुनिश्चित हुई है। अन्यों को भी सुरक्षित घर रवाना करने के समुचित प्रबंध किए जा रहे हैं।