टांडा में प्रशिक्षु डॉक्टरों की लापरवाही से हुई नवजात बच्चे की मौत , सिर पर लगी चोट , परिजनों का हंगामा
यंगवार्ता न्यूज़ - धर्मशाला 16-08-2021
डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल टांडा में जिला कांगड़ा के उपमंडल जवाली के तहत पड़ते एक गांव के नवजात बच्चे की मौत को लेकर अस्पताल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। इसको लेकर नवजात बच्चे के परिजनों ने एक वीडियो वायरल किया है।
मृतक नवजात के दादा ने एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि उनकी बहु अनुबाला के प्रसव की पांच अगस्त की तारीख थी। उन्होंने उसी दिन अपनी बहू को टांडा में एडमिट किया था।
रात करीब 11 बजे अनुबाला को प्रसव पीड़ा शुरू हुई। अगले दिन यानी छह अगस्त को अनुबाला को 11 बजे लेबर रूम ले गए। थोड़ी देर में उन्हें लेबर रूम में बुलाया गया और वहां ड्यूटी पर तैनात प्रशिक्षु डाक्टर ने कहा कि हम अनुबाला को पेनलेस इंजेक्शन देने जा रहे हैं।
इसके बाद शाम पांच बजे उन्हें दोबारा वेंटिलेटर कक्ष बुलाया गया, वहां एक अन्य प्रशिक्षु डॉक्टर थी। डाक्टर ने कहा कि आपके पोते की हालत बहुत गंभीर है, इसलिए उसे वेंटीलेटर पर रखा गया है। जब उन्होंने वहां अपने पोते को देखा तो उसके माथे पर एक गंभीर घाव था और खून बह रहा था।
इसके अलावा चेहरे पर भी खरोंचे थी। बाद में एक डॉक्टर ने नवजात के सिर पर टांके लगाए। दादा ने दावा किया है कि सामान्य डिलीवरी के दौरान प्रशिक्षु डॉक्टरों ने लापरवाही की है, जिसके कारण उनके पोते के सिर पर गंभीर चोट आई थी।
छह अगस्त से उनका पोता टांडा में था और 13 अगस्त अल सुबह नवजात की मौत हो गई, क्योंकि नवजात का रक्त बहुत अधिक बह चुका था। इसको लेकर वह जब विभागाध्यक्ष से बात की तो उन्होंने भी संतुष्ट जवाब नहीं दिया।
नवजात के परिजनों का कहना है कि उनका वीडियो वायरल करने का उद्देश्य कोई बड़ा हंगामा खड़ा करना नहीं है, सिर्फ न्याय चाहिए। वह चाहते हैं कि टांडा प्रशासन अपनी जिम्मेदारी समझे और प्रशिक्षु डॉक्टरों के सिर पर पूरा गायनी विभाग न चलाए, प्रसव के दौरान कम से कम एक वरिष्ठ डाक्टर जरूर तैनात हो, ताकि जो उनके परिवार के साथ हुआ है वह किसी और के साथ न हो। बताया जा रहा अस्पताल प्रबंधन मामले की जांच कर रहा है।