ट्राउट फिश के शौकीन अगले महीने से कोलबांध की ट्राउट फिश का चखेंगे स्वाद
यंगवार्ता न्यूज़ - बिलासपुर 08-03-2021
ट्राउट फिश के शौकीन अगले महीने से कोलबांध की ट्राउट का स्वाद चख सकेंगे। सर्दियों में कोलबांध जलाशय में ट्राउट फिश पर किया गया शोध सफल रहा है। केवल चार माह में 350 ग्राम वजन की ट्राउट फिश तैयार हो गई है।
मार्च में झील में डाली गई 80 फीसदी यानी करीब 3 टन ट्राउट की सप्लाई कर दी जाएगी। मत्स्य विभाग ने ट्रायल के लिए बिलासपुर के हरनोड़ा स्थित कोलबांध झील में चार चरणों में ट्राउट फिश का बीज डाला था।
विभाग ने सितंबर के अंत से यह प्रक्रिया शुरू की थी। फरवरी में इसका सफल परिणाम सामने आया है। सितंबर में विभाग ने कोलबांध में ट्राउट का करीब 23 हजार बीज डाला था। उसके बाद भी बीज डाला गया, यह मिलाकर 30 हजार हुआ।
विभाग की मानें तो पहले प्रदेश के कुल्लू, मंडी और चंबा में ही ट्राउट का उत्पादन होता है, लेकिन देश के महानगरों में बढ़ रही हिमाचली ट्राउट फिश की मांग को पूरा करने के लिए विभाग इसके उत्पादन का बढ़ाने में जुटा है।
प्रदेश में अन्य जगह ट्राउट तैयार होने में करीब 14 से 15 माह लगते हैं। कोलबांध में यह केवल चार माह में तैयार हो गई है। विभाग अब गर्मियों में भी झील में ट्राउट का ट्रायल करेगा।
अभी तक हिमाचल में सालाना 600 मीट्रिक टन ट्राउट का उत्पादन होता है, लेकिन विभाग ने पांच साल में इसे दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। ट्राउट दिल के मरीजों के लिए रामबाण का काम करती है।
देश के कुछ गिने चुने राज्यों जैसे हिमाचल, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड में इसकी फार्मिगिं की जाती है। इस फिश में प्रोटीन बड़ी मात्रा में होती है। ओमेगा थ्री फैटी एसिड तत्व भरपूर पाया जाता है।
कोलबांध में चार माह में करीब 350 ग्राम वजन की ट्राउट फिश तैयार हो गई है। मार्च में करीब 3 क्विंटल ट्राउट की सप्लाई कर दी जाएगी। गर्मियों के ट्रायल के लिए झील में करीब 400 बीज डाला जाएगा।
अगर यह सफल हुआ तो इसी झील में ट्राउट ब्रीडिंग केंद्र बनाया जाएगा। यहीं बीज तैयार कर प्रदेश के अन्य ट्राउट जलाशयों में भेजा जाएगा। - श्याम लाल शर्मा, अतिरिक्त निदेशक मत्स्य बिलासपुर