तिरंगे से ऊंचा हुआ शिलाई के विधायक का कद , 26 जनवरी को भूले सम्मान करना
समूचे देश में 15 अगस्त और 26 जनवरी के पर्व बड़े हर्षोल्लास से मनाये जाते है, भारत की आन, बान, शान कहे जाने वाले तिरंगे के लिए न केवल सैनिक बल्कि हर जनमानस नतमस्तक रहता है, तिरंगे की शान में जहां हजारों सैनिक सरहदों पर शहीद हुए हैं, वही हिमाचल प्रदेश में कई कांग्रेसी नेताओं के लिए तिरंगा कोई मायने नहीं रखता है।
ध्वजारोहण के दौरान विश्रामगृह में कार्यकर्ताओं के साथ रहे व्यस्त हर्षवर्धन चौहान
यंगवार्ता न्यूज़ - शिलाई 26-01-2022
समूचे देश में 15 अगस्त और 26 जनवरी के पर्व बड़े हर्षोल्लास से मनाये जाते है, भारत की आन, बान, शान कहे जाने वाले तिरंगे के लिए न केवल सैनिक बल्कि हर जनमानस नतमस्तक रहता है, तिरंगे की शान में जहां हजारों सैनिक सरहदों पर शहीद हुए हैं, वही हिमाचल प्रदेश में कई कांग्रेसी नेताओं के लिए तिरंगा कोई मायने नहीं रखता है।
ताजा मामला जिला सिरमौर की शिलाई विधानसभा में सामने आया है, जहां स्थानीय विधायक का कद तिरंगे से ऊंचा नजर आ रहा है, स्थानीय प्रशासन ने जहां गणतंत्र दिवस पर कार्यक्रम विश्राम गृह शिलाई के प्रांगण में धूमधाम से मनाया है, स्थानीय एसडीएम सहित शिलाई की जनता ने ध्वजारोहण कर तिरंगे को सलामी दी है, वहीं ध्वजारोहण होने के दौरान वर्तमान विधायक हर्षवर्धन चौहान उसी विश्राम गृह के अंदर कांग्रेसी नेताओं के साथ गुफ्तगू कर रहे थे।
मजेदार बात तो यह है कि तिरंगे को सलामी देने से अधिक हर्षवर्धन चौहान ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ वार्तालाप करना जरूरी समझा और दो मिनट तिरंगे की शान में खड़े होने के लिए नहीं निकाल पाए है, जिसके चलते समूचे क्षेत्र में विधायक हर्षवर्धन चौहान की चर्चाओं का बाजार गर्म है।
तिरंगे की शान के लिए देश में हजारों जवानों ने अपनी जान कुर्बान की है और कर रहे है, लेकिन कांग्रेस नेताओं के लिए तिरंगा कोई मायने नहीं रखता है, यह बात शिलाई क्षेत्र के वर्तमान विधायक ने साफ कर दी है।
जानकारों की मानें तो राजनेता सत्ता हासिल करने के लिए इसी तिरंगे को साक्षी मानकर बड़ी बड़ी कसमें खाते है , लेकिन सत्ता के मद में चूर हर्षवर्धन चौहान ने तिरंगे को सलामी न देकर साफ कर दिया है कि तिरंगा कोई मायने नहीं रखता।
उल्लेखनीय है कि हर्षवर्धन चौहान शिलाई विधानसभा क्षेत्र से पांचवी बार विधायक चुनकर प्रदेश विधानसभा में पहुंचे हैं। इस दौरान हर्षवर्धन चौहान प्रदेश मुख्य संसदीय सचिव भी रहे हैं और वर्तमान में प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश मीडिया सेल अध्यक्ष भी है, बावजूद उसके 26 जनवरी के दिन जिस प्रकार विश्रामगृह में तिरंगे को दरकिनार करके वह बैठे रहे, उनके रवैये को देखते हुए लोगों में चर्चा बनी हुई है। बताते है कि 15 अगस्त और 26 जनवरी के दौरान हर्षवर्धन चौहान कभी शिलाई निर्वाचन क्षेत्र में नहीं पहुंचे हैं, शिलाई में राज्य स्तरीय कार्यक्रम भी आयोजित हुए, जिनमे तत्कालीन प्रदेश मुख्यमंत्री उपस्थित रहे, लेकिन उस दौरान भी विधायक हर्षवर्धन चौहान क्षेत्र से नदारद नजर आए। पहली मर्तबा विधायक शिलाई में थे, लेकिन वह तिरंगे को सम्मान देना भूल गए है। प्रेस वार्ता के दौरान जब शिलाई के विधायक हर्षवर्धन चौहान से ध्वजारोहण के दौरान उपस्थित न होने की बात को पूछा गया तो उन्होंने बात को बदलते हुए कहा कि यह प्रशासनिक कार्यक्रम है, हर जगह हो रहे है, इसलिए यह कोई मुद्दा नहीं है।