दुर्गम इलाकों में दवाइयों की सप्लाई और सैंपल उठाने ले किये कारगर साबित होंगे ड्रोन 

हिमाचल के दुर्गम इलाकों में ड्रोन के जरिए दवाइयां पहुंचाने के लिए सरकार ने एक और कदम आगे बढ़ा दिया है। इसको लेकर सरकार लागत के आकलन में जुट गई है। यह आकलन किया जा रहा है कि गाड़ियों की तुलना में क्या ड्रोन सस्ता बैठेगा या नहीं

दुर्गम इलाकों में दवाइयों की सप्लाई और सैंपल उठाने ले किये कारगर साबित होंगे ड्रोन 

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला     28-01-2023

हिमाचल के दुर्गम इलाकों में ड्रोन के जरिए दवाइयां पहुंचाने के लिए सरकार ने एक और कदम आगे बढ़ा दिया है। इसको लेकर सरकार लागत के आकलन में जुट गई है। यह आकलन किया जा रहा है कि गाड़ियों की तुलना में क्या ड्रोन सस्ता बैठेगा या नहीं। अगर गाड़ियों की तुलना में ड्रोन सस्ता बैठ रहा है तो जल्द ही ड्रोन के जरिए हिमाचल के दुर्गम इलाकों में दवाइयां समेत सैंपल उठाने का कार्य शुरू हो जाएगा। 

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अभी जो ड्रोन है , उनमें केवल 2 से 3 किलो तक का सामान ही ले जाया जा सकता है। विभाग चाह रहा है कि इससे बड़े ड्रोन मिलें, ताकि कम समय में ज्यादा दवाइयां और सैंपल एक जगह से दूसरी जगह पहुंच सकें। विभाग की यही मंशा है कि ड्रोन की मदद से दुर्गम इलाकों में सामान पहुंचाया जा सके। 

गौरतलब है कि इससे पहले पिछली सरकार में बड़ा भंगाल और अन्य दुर्गम इलाकों में ट्रायल के दौरान ड्रोन की मदद से दवाइयां पहुंचाई गई थीं। यह ट्रायल सफल रहा था। इसके बाद इसे आगे बढ़ाया जा रहा था। स्टाफ की कमी से जूझ रहे स्वास्थ्य विभाग को ड्रोन की सबसे ज्यादा जरूरत महसूस हो रही है। 

डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ के 300 से ज्यादा पद स्वास्थ्य विभाग में खाली चल रहे हैं। ऐसे में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए विभाग को स्टाफ की कमी खल रही है। इस कमी को दूर करने के लिए और लोगों तक समय पर दवाइयां पहुंचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग को ड्रोन सेवा से जोड़ा जा रहा है। जिसका ट्रायल हो चुका है। 

अब इस तकनीक को पूरी तरह से लागू करने के लिए विभाग इसे बड़े स्तर पर इस्तेमाल करने की प्लानिंग कर रहा है, ताकि कम समय में अधिक दवाइयां और जरूरी सामान ड्रोन के जरिए हिमाचल के दुर्गम क्षेत्रों तक पहुंचाया जा सके।