देश में स्वदेशी नेजल कोरोना वैक्सीन के तीन और बैच पास, सेंट्रल ड्रग्स लेबोरेटरी कसौली ने दी मंजूरी
देश में स्वदेशी नेजल कोरोना वैक्सीन के तीन और बैच पास हो गए हैं। सेंट्रल ड्रग्स लेबोरेटरी (सीडीएल) कसौली ने नेजल वैक्सीन के बैच को मंजूरी दे दी है। वैक्सीन का संस्थान की प्रयोगशाला में करीब 15 दिन तक परीक्षण कार्य चला
यंगवार्ता न्यूज़ - सोलन 10-02-2023
देश में स्वदेशी नेजल कोरोना वैक्सीन के तीन और बैच पास हो गए हैं। सेंट्रल ड्रग्स लेबोरेटरी (सीडीएल) कसौली ने नेजल वैक्सीन के बैच को मंजूरी दे दी है। वैक्सीन का संस्थान की प्रयोगशाला में करीब 15 दिन तक परीक्षण कार्य चला। इसके बाद यह सीडीएल के मानकों पर खरी उतरी हैं।
वैक्सीन पास होने के बाद सीडीएल ने तीन बैच को ग्रीन टिक दे दिया है और बैच कंपनी को भेज दिए गए हैं। जल्द अब ये बैच बाजार में कंपनी उतारेगी। इससे पहले भी सीडीएल ने तीन सैंपल बैच पास कर कंपनी को भेजे थे।
अब तक की रिपोर्ट के अनुसार नेजल वैक्सीन के छह बैच जिसमें सैकड़ों वायल शामिल हैं, जिन्हें मंजूरी दी गई है। कंपनी नेजल वैक्सीन के उत्पादन के बाद बैच को जांच के लिए प्रयोगशाला भेज रही है।
गौर रहे कि कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन बीएफ-7 के खतरे के बीच भारत बायोटेक की स्वदेशी इंट्रा नेजल वैक्सीन इनकौवेक 26 जनवरी को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांंडविया ने लांच किया था। नेजल वैक्सीन को ड्रग्स कंट्रोलर जरनल ऑफ इंडिया (डीसीजीएआई) से आपात प्रयोग की मंजूरी मिलने के बाद कंपनी ने बीते माह छह बैच परीक्षण के लिए सीडीएल कसौली भेजे थे।
इनमें तीन बैच को 27 जनवरी को पास कर कंपनी को भेज दिया गया था। इसके बाद अन्य तीन बैच का परीक्षण शुरू हुआ हाल ली में तीन बैच के परिणाम आ गए हैं। खास बात यह है कि इस वैक्सीन से कोविड-19 के खिलाफ म्यूकोसेल इम्युनिटी मिलती है। इससे अंदरुनी हिस्सों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी।
इसे ज्यादा कारगर इसलिए भी माना जाता है, क्योंकि कोरोना समेत हवा से फैलने वाली अधिकांश बीमारियों के संक्रमण का रूट प्रमुख रूप से नाक ही होता है। देश में निर्मित व आयात और निर्यात होने वाली वैक्सीन को बाजार में उतारने के लिए सीडीएल कसौली परीक्षण के बाद हरी झंडी देता है।
परीक्षण में वैक्सीन का क्वालिटी और कंट्रोल टेस्ट होता है। भारत में अभी तक आई स्वदेशी और विदेशी कोरोना वैक्सीन का सीडीएल कसौली परीक्षण किया गया है और मंजूरी मिलने के बाद ही बाजार में उतारा गया है।
भारत सरकार के अनुसार निजी अस्पतालों में इसकी एक डोज की कीमत 800 रुपये होगी। इसके अलावा पांच फीसदी जीएसटी भी देना होगा। वहीं सरकारी अस्पतालों में इस वैक्सीन की कीमत 325 रुपये होगी।