धक्का-मुक्की ले किये कांग्रेस विधायकों को डिप्टी स्पीकर व मंत्रियों ने उकसाया : सुक्खू
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 28-02-2021
कांग्रेस विधायक व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि भाजपा सरकार ने अपनी नाकामियों पर पर्दा डालने के लिए कांग्रेस के पांच विधायकों को निलंबित करवाया।
बजट सत्र में महंगाई, कोरोना काल में भ्रष्टाचार, पिछले दरवाजे से भर्तियों समेत अनेक मामलों में सरकार बेनकाब होने वाली थी। कांग्रेस विधायक तो शांतिपूर्ण तरीके से धरना - प्रदर्शन कर रहे थे, डिप्टी स्पीकर व मंत्रियों ने बातचीत के बजाय उनके साथ धक्का-मुक्की की और उकसाया।
इसी उत्तेजना में कांग्रेस विधायकों ने राज्यपाल के समक्ष अपना रोष प्रकट किया। कांग्रेस विधायकों ने उनका रास्ता नहीं रोका, बल्कि अपनी बात रखने का प्रयास किया। भाजपा सरकार ने जिसका राजनीतिकरण कर हंगामे व राज्यपाल के पद का अनादर करने का नाम दे दिया। उन्होंने कहा कांग्रेस विधायकों का निलंबन में भी पिक एंड चूज हुआ है।
प्रदर्शन तो सभी विधायक कर रहे थे फिर पांच को ही निलंबित क्यों किया गया। भाजपा इस घटना का बेवजह राजनीतिकरण न करे। कांग्रेस विधायकों की मंशा राज्यपाल अभिभाषण में खलल डालने या उनका रास्ता रोकने की कतई नहीं थी।
कांग्रेस विधायक चाहते तो राज्यपाल के जलपान के दौरान विधानसभा स्पीकर के कक्ष में भी धरने पर बैठ सकते थे। लेकिन, कांग्रेस ने सभी मर्यादाओं व राज्यपाल के पद की गरिमा को ध्यान में रखा। राज्यपाल का पद संवैधानिक व गैर राजनीतिक होता है, वह कांग्रेस के लिए भी बेहद सम्मानित हैं। महंगाई व अन्य मुद्दों को लेकर धरना दे रहे कांग्रेस विधायकों की बात नहीं सुनी गई। राज्यपाल ने भी कांग्रेस के वरिष्ठ विधायकों को बुलाकर उनकी बातों को सुनना उचित नहीं समझा।
स्पीकर सभी विधायकों के कस्टोडियन होते हैं, उन्हें गतिरोध टालने की कोशिश करनी चाहिए थी, उन्होंने भी कांग्रेस विधायकों को बुलाकर कोई वार्तालाप नहीं किया। मर्यादित आचरण तो डिप्टी स्पीकर व मंत्रियों ने कांग्रेस विधायकों के साथ किया। उन पर स्पीकर ने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की। घटना के वीडियो क्लिप में साफ नजर आ रहा है कि कांग्रेस विधायकों से हाथापाई कौन कर रहा है, फिर एक तरफा कार्रवाई क्यों की गई।
स्पीकर को निष्पक्ष होकर इंसाफ करना चाहिए। उन्होंने कहा भाजपा सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है। कोरोना में भ्रष्टाचार हुआ, भर्तियों में पिछले दरवाजे से नियुक्तियां की जा रही, अपराध चरम पर है, नशाखोरी बढ़ रही, महंगाई सातवें आसमान पर है और सरकार अपने आप में मस्त है। विकास कार्य ठप पड़े हैं।
सदन में इन सब मुद्दों पर भाजपा सरकार बुरी तरह घिरने वाली थी, उसके पास कोई जवाब नहीं था, इसलिए कांग्रेस विधायकों के साथ धक्का-मुक्की कर नया राजनीतिक प्रपंच रचा गया। सरकार इससे कुछ हासिल नहीं कर पाएगी, कांग्रेस हर मुद्दे पर सदन में सरकार का कच्चा चिट्ठा खोलेगी।