शांता की आत्मकथा ‘निज पथ का अविचल पंथी’ ने खोली भाजपा के घोटालों की पोल
यंगवार्ता न्यूज़ - काँगड़ा 28-02-2021
शांता कुमार की आत्मकथा ‘निज पथ का अविचल पंथी’ इन दिनों चर्चा में है। इसमें शांता कुमार द्वारा बतौर केंद्रीय मंत्री एक घोटाले का पर्दाफाश करने वाले लेख का काफी जिक्र हो रहा है। अब इस मसले पर सोशल मीडिया पर विस्तृत जानकारी शेयर की गई है।
बताया जा रहा है कि केंद्र में भाजपा सरकार थी, उस समय प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के लिए, जो बैठक हुई, उसमें आंध्र प्रदेश के लिए 90 करोड़ रुपए की राशि तय हुई, परंतु 190 करोड़ रुपए भेजे गए। यह तीन साल तक भेजा जाता रहा।
जब शांता कुमार के पास यह विभाग आया, तो उन्हें जानकारी मिली और वह हैरान हो गए। सौ करोड़ रुपए अधिक देने की अनुमति किसी भी स्तर पर नहीं हुई थी। इस संबंध में एक निर्णय विभाग ने पहले किया था कि योजना में पांच करोड़ से कम का ठेका नहीं दिया जाएगा।
इसके कारण बड़े ठेकेदारों का एकाधिकार हो गया था। वह ठेका लेते थे और छोटे ठेकेदार को सबलेट कर खूब कमीशन कमाते थे। शांता कुमार ने विभाग संभालते ही इस नियम को बदलकर ‘एक सड़क एक ठेकेदार’ नियम कर दिया। इससे करोड़ों छोटे ठेकेदारों को योजना में काम मिलने लगा। बड़े ठेकेदारों की शक्तिशाली लॉबी शांता कुमार के विरुद्ध हो गई।
उसके कुछ दिन के बाद ही शांता कुमार ने 190 करोड़ रुपए की बजाय आंध्र प्रदेश को केवल 90 करोड़ भेजना शुरू कर दिया। शांता ने इस घोटाले को समाप्त कर दिया। इसी कारण निहित स्वार्थों ने उन पर अनुशासनहीनता का आरोप लगाया और मंत्रिमंडल पद छोड़ने पर विवश कर दिया। शांता को ईमानदारी की सजा मिली और झूठे आरोप लगाकर मंत्रिमंडल से अलग कर दिया।