धूमल गुट को महंगा पड़ा काँगड़ा में बैठक करना , भाजपा के 10 विधायकों ने नड्डा को भेजा पत्र

धूमल गुट को महंगा पड़ा काँगड़ा में बैठक करना , भाजपा के 10 विधायकों ने नड्डा को भेजा पत्र

यंगवार्ता न्यूज़ - काँगड़ा 01-06-2020

धूमल गुट के करीब एक दर्जन से आधी नेताओं को काँगड़ा में बैठक करनी महंगी पड़ गई है , बैठक में शामिल हुए भाजपा के नेताओं के खिलाफ काँगड़ा और चम्बा के एमएलए लामबंद हो गए है , दस विधायकों में भाजपा के राष्ट्रिय अध्यक्ष जेपी नड्डा को बागी नेताओं के खिलाफ कार्रवाही की मांग की है।

कांगड़ा के पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में सांसद किशन कपूर समेत कुछ भाजपा नेताओं की गुप्त बैठक के बाद सियासी घमासान मच गया है। कांगड़ा और चंबा जिला के दस भाजपा विधायकों और कुछ पदाधिकारियों ने राष्ट्र्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखकर सांसद किशन कपूर, पूर्व मंत्री रविंद्र रवि, पूर्व विधायक संजय चौधरी, नूरपुर जिला के महामंत्री रणबीर सिंह निक्का, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य घनश्याम शर्मा, बलदेव ठाकुर, निर्मल सिंह, डॉ. नरेश बरमानी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की है।

संगठनात्मक जिला कांगड़ा के जिला अध्यक्ष चंद्रभूषण नाग, प्रदेश मीडिया प्रभारी राकेश शर्मा, प्रदेश प्रवक्ता उमेश दत्त, विधायक राकेश पठानिया, विक्रम जरियाल, अरुण मेहरा, विशाल नैहरिया, मुल्ख राज प्रेमी, अर्जुन सिंह, रीता धीमान, पवन नैयर, जिया लाल, रविंदर धीमान व चंबा जिला के पूर्व अध्यक्ष डीएस ठाकुर, संगठनात्मक जिला कांगड़ा महामंत्री सचिन शर्मा, महामंत्री रमेश बराड़ ने संयुक्त रूप से जारी प्रेस विज्ञप्ति में यह मांग की है।

भाजपा विधायकों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सभी कार्यकर्ता कोरोना महामारी से जनता को बचाने के लिए काम कर रहे हैं वहीं पार्टी के यह बागी नेता अपनी सरकार व संगठन को अस्थिर करने के लिए कांगड़ा के पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में षड्यंत्र रचने में मस्त हैं।

भाजपा नेताओं ने कहा कि सांसद किशन कपूर और पूर्व मंत्री रविंदर रवि को एक बार नहीं अनेकों बार पार्टी ने अपना प्रत्याशी बनाया। वह तीन-तीन बार प्रदेश मंत्रिमंडल में शामिल भी किए हैं। लेकिन, इसके बावजूद कोरोना की इस संकट की घड़ी में पार्टी के विरुद्ध विद्रोह का बिगुल बजा कर उन्होंने यह प्रमाणित कर दिया है कि वो पार्टी की विचारधारा से नहीं बल्कि स्वार्थ की भावना से जुड़े थे।

विधायकों ने कहा कि कि इन बागी नेताओं ने किस-किस नेता को फोन द्वारा बैठक में आने के लिए दबाव डाला, उसकी भी सारी जानकारी नड्डा को भेज दी गई है। उधर, पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कहा कि वह इस मुद्दे पर अभी कोई भी कमेंट नहीं करेंगे।

भाजपा विधायकों की ओर से जेपी नड्डा को लिखे पत्र पर सांसद किशन कपूर ने कहा कि लोगों और पार्टी के लोगों से मिलना अनुशासनहीनता नहीं बल्कि प्रेस नोट जारी करके इस किस्म की बयानबाजी करना अनुशासहीनता है।