निजी भूमि पर 400 से अधिक पेड़ काटने की अनुमति देंगी हिमाचल सरकार
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 15-12-2020
मंत्रिमंडल ने निजी भूमि से पेड़ों को काटने के लिए 10 वर्षीय पेड़ कटान कार्यक्रम के संदर्भ में बड़ा फैसला लिया है। मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश भूमि संरक्षण अधिनियम 1978 के तहत 10 सितंबर 2002 को जारी आदेश संख्या एफएफएफबीए (3) 4/99 के पैरा-1 और 6 को संशोधित करने को मंजूरी प्रदान कर दी है।
इसके तहत सरकार को अब 200 से अधिक पेड़ों के स्थान पर 400 से अधिक पेड़ काटने की अनुमति देने का अधिकार होगा।
वहीं, वन उपमंडल अधिकारी (डीएफओ) को एक वर्ष में 50 पेड़ों के स्थान पर 200 पेड़ काटने की अनुमति प्रदान करने का अधिकार होगा जबकि संबंधित मुख्य अरण्यपाल वन/ अरण्यपाल वन को एक वर्ष में 100 के स्थान पर 300 पेड़ और प्रधान मुख्य अरण्यपाल वन को एक वर्ष में 200 पेड़ के स्थान पर 400 पेड़ काटने की अनुमति देने का अधिकार होगा।
मंत्रिमंडल ने यह भी निर्णय लिया कि यदि पेड़ निर्धारित वर्ष में नहीं काटे गए तो सक्षम प्राधिकारी इस अवधि को एक वर्ष तक बढ़ा सकता है।
इस दौरान यह देखा जाएगा कि भूमि की डिमार्केशन और पेड़ों की मार्किंग की प्रक्रिया निर्धारित एक वर्ष के भीतर पूर्ण की गई हो। साथ ही संबंधित डीएफओ द्वारा कटाई के आदेश दिए गए हों लेकिन पेड़ों की कटाई नहीं की गई हो या आंशिक रूप से की गई हो।
वहीं जहां भूमि की डिमार्केशन प्रक्रिया और पेड़ों की मार्किंग की प्रक्रिया निर्धारित वर्ष के भीतर पूर्ण कर ली गई हो लेकिन कटाई के आदेश जारी नहीं किए गए हों, वहां भी सक्षम अधिकारी मियाद बढ़ा सकता है।
लोगों से लगातार इस संबंध में शिकायतें प्राप्त हो रही थीं, जिनमें अपनी ही जमीन पर लगे पेड़ काटने के लिए दफृतारों के चक्कर काटने पड़ रहे थे।
इसी परेशानी को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में एतिहासिक फैसला लिया गया है।- राकेश पठानिया, वन मंत्री