पंजाब की आप सरकार का खुफिया तंत्र फेल , दिन दहाड़े मूसेवाला की हत्या ने खोली सुरक्षा की पोल 

गैंगस्टरों से निपटने के मामले में पंजाब की खुफिया एजेंसियां लगातार असफल साबित हो रही हैं। ताजा मामला प्रसिद्ध गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या का है जबकि इसी महीने पंजाब पुलिस की इंटेलिजेंस विंग की मुख्यालय पर भी हमला हो चुका है

पंजाब की आप सरकार का खुफिया तंत्र फेल , दिन दहाड़े मूसेवाला की हत्या ने खोली सुरक्षा की पोल 
पंजाब की आप सरकार का खुफिया तंत्र फेल , दिन दहाड़े मूसेवाला की हत्या ने खोली सुरक्षा की पोल 

 

न्यूज़ एजंसी - चंडीगढ़  30-05-2022

 

गैंगस्टरों से निपटने के मामले में पंजाब की खुफिया एजेंसियां लगातार असफल साबित हो रही हैं। ताजा मामला प्रसिद्ध गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या का है जबकि इसी महीने पंजाब पुलिस की इंटेलिजेंस विंग की मुख्यालय पर भी हमला हो चुका है। इससे पहले पटियाला हिंसा और जालंधर में कबड्डी खिलाड़ियों की हत्या के मामलों में भी खुफिया एजेंसियां न तो पहले से कोई अनुमान लगा सकीं और ना ही पंजाब पुलिस अब तक मुख्य अपराधियों को पकड़ सकी है।

 

 

 मूसेवाला की हत्या के मामले में भी अब तक जो बातें सामने आ रही हैं, उनमें कहा जा रहा है कि गैंगस्टर काफी समय से उनकी रेकी कर रहे थे लेकिन खुफिया एजेंसियों को इसकी भनक तक नहीं लगी। यह भी उल्लेखनीय है कि मूसेवाला को सन 2020 में भी गैंगस्टरों ने धमकी मिल चुकी थीं, जिसका खुलासा दो गुर्गों की गिरफ्तारी से हुआ था। तब यह पता चला था कि गैंगस्टर मूसेवाला से 50 लाख रुपये की फिरौती की मांग कर रहे थे। इसके बावजूद राज्य सरकार ने मूसेवाला की सुरक्षा में कटौती कर दी। 

 

 

इसके साथ ही, सुरक्षा में कटौती किए जाने की जानकारी सरकार की ओर से सार्वजनिक कर दिए जाने के मामले ने भी तूल पकड़ लिया है। गौरतलब है कि राज्य पुलिस द्वारा समय-समय पर ऐसे गणमान्य व्यक्तियों को प्रदान की गई सुरक्षा की समीक्षा की जाती है और उन पर खतरे का अवलोकन कर सुरक्षा बढ़ाई या घटाई जाती रही है लेकिन राज्य पुलिस और राज्य सरकार द्वारा कभी भी इस संबंध में कोई भी बयान सार्वजनिक नहीं किया जाता। पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद अब तक तीन बार गणमान्य व्यक्तियों की सुरक्षा में कटौती की गई है। 

 

 

साथ ही इसकी सूचना भी तुरंत सार्वजनिक कर दी गई है, जिससे ऐसे व्यक्तियों को खतरा और बढ़ गया है। मूसेवाला की हत्या में सरकार की इस लापरवाही को भी एक बड़ा कारण माना जा रहा है। मूसेवाला की सुरक्षा में पहले 10 गनमैन तैनात थे जिन्हें घटाकर चार कर दिया गया था। लेकिन शनिवार को राज्य सरकार ने इन 4 गनमैन में से भी 2 को वापस बुला लिया। इस तरह साफ तौर पर पंजाब पुलिस की खुफिया विंग मूसेवाला को गैंगस्टरों से खतरे को नहीं भांप सकी। 

 

 

दूसरी ओर राज्य सरकार की ओर से गैंगस्टरों से निपटने के लिए एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स का भी गठन किया गया था, जिसकी उपलब्धियां अब तक शून्य हैं। यह टास्क फोर्स एक भी वारदात को हल नहीं कर सकी और ना ही इस फोर्स के हाथ अब तक कोई बड़ा गैंगस्टर आया है। मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी कनाडा में बैठे गैंगस्टर गोल्डी बराड़ ने ली है जो कि पंजाब की जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई का साथी है। लगातार हो रही वारदातों से साफ है कि गैंगस्टरों में पंजाब पुलिस और उसकी खुफिया एजेंसियों का कोई खौफ नहीं है।