पति की दीर्घायु के लिए गुरु की नगरी मैं कुछ ऐसे किया चांद का दीदार
बता दे कि यह प्रथा काफी लंबे समय से चली आ रही है जब देवताओं और राक्षसों के बीच युद्ध छिड़ गया था,लेकिन इस युद्ध मे देवता हारने लगे थे ,बताया जाता है कि सृष्टि रचियता भगवान ब्रह्मा ने सभी देवियों को पति के युद्ध मे जितने और बुराई पर अच्छाई की जीत के लिए यह व्रत रखा था,तब से यह प्रचलन चला आ रहा है ।
पांवटा साहिब में भी चाँद का दीदार कर पति की लंबी आयु की कामना करते हुए कई महिलाओं के द्वारा देर रात तक उपवास खोला ।इस दौरान जहां सुहागिन स्त्रियों ने पूरे दिन निर्जला उपवास रखा वहीं देर शाम चांद निकलने के बाद पूजा की। सुहागिन स्त्रियों ने छलनी से चांद का दीदार कर अपने पति की सलामती और लंबी आयु की कामना की।
सभी सुहागिन स्त्रियों ने शाम को पूजा की और रात को 8:20 बजे के बाद चांद का दीदार कर विधि विधान के साथ करवाचौथ का व्रत खोला।जिला सिरमौर मे करवाचौथ पर्व धूमधाम से मनाया गया।