प्राचीन ठौड़ेश्वरी माता मंदिर ट्रहाई के जीर्णोद्धार का कार्य आरंभ

जुन्गा से सटे ट्रहाई में माता ठौड़ेश्वरी के प्राचीन मंदिर के जीर्णाेद्धार का कार्य रविवार को शुभ मुंहूर्त में आरंभ किया गया जिसमें गांव के लोगों ने बढ़चढ़ कर  भाग लिया

प्राचीन ठौड़ेश्वरी माता मंदिर ट्रहाई के जीर्णोद्धार का कार्य आरंभ

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला    11-02-2023

जुन्गा से सटे ट्रहाई में माता ठौड़ेश्वरी के प्राचीन मंदिर के जीर्णाेद्धार का कार्य रविवार को शुभ मुंहूर्त में आरंभ किया गया जिसमें गांव के लोगों ने बढ़चढ़ कर  भाग लिया। पुराने मंदिर को गिराने से पहले बलग से आए शास्त्री गीता राम पांडेय ने ठौड़ेश्वरी माता की विधिवत पूजा अर्चना की गई तथा शुभ मुर्हूत में माता की पिंडी को गांव के एक अन्य जुन्गा देवता की देवरी में रखा गया है। 

उन्होने बताया कि ठौड़ेशवरी माता का इतिहास कलकता की काली मां से जुड़ा है। जिसे कालांतर में उनके दो  बुजुर्ग आसू और गोलू ने जगन्नाथपुरी से काली माता को  सिद्ध करके लाए थे। इन बंुजुर्गो ने ठौड़ेश्वरी माता को  नाहन से लेकर रामपुर सराहन तक अनेक गांव में स्थापित किया गया था। जिनमें से एक ट्रहाई गांव भी शामिल है। 

दूसरी ओर पीरन की ठौड़ माता के पुजारी दयाराम वर्मा ने बताया कि रियासतीकाल में जब राजपूत किसी युद्ध को जीत कर आते थे तो अपने शत्रुओं के कटे हुए सिरों को ठौड़ माता कें मंदिर में  दफनाए जाते थे। बताया कि अपर शिमला में राजपूत बाहुल्य आबादी वाले गांव में ठौड़ेश्वरी माता के मंदिर वर्तमान में  भी मौजूद हैं जहां पर राजपूत समुदाय के लोगों द्वारा  कुलदेवी के रूप में पूजा की जाती हैं।

ठौड़ माता मंदिर पुजारी प्रीतम सिंह ठाकुर ने बताया कि इस मंदिर का इतिहास ट्रहाई गांव के अस्तित्व में आने से जुड़ा है। अतीत में जब इस गांव के राजपूत महाभारतकालीन ठोडा खेलने किसी गांव में जाते थे जो प्रस्थान करने के पूर्व ठौड़ेश्वरी माता से विजयश्री का आर्शिवाद लेते थे और जीत हासिल करने पर मां काली को बकरे की बलि दी जाती थी। 

समय के साथ ठोडा खेल लुप्त होने लगा है। उन्होने बताया कि  मंदिर का जीर्णोंद्धार होने के उपरांत वेदोक्त मंत्रों के साथ माता की पिंडी को मंदिर में स्थापित किया जाएगा। इस मंदिर का जीर्णोंद्धार में सरकार से किसी प्रकार की सहायता नहीं ली गई है बल्कि लोगों के अंशदान से किया जा रहा है। 

इस मौके पर वरिष्ठ नागरिक मनोहर सिंह ठाकुर, भगत चंद आन्नद, रामस्वरूप शर्मा,  राजेन्द्र ठाकुर, प्रदीप ब्रागटा, सुरेश ठाकुर, संदीप ब्रागटा, राजेश ठाकुर, धर्म सिंह सहित गांव के प्रमुख व्यक्ति मौजूद रहे।