प्रदेश के 6,000 निराश्रित बच्चे कहलाएंगे चिल्ड्रन ऑफ स्टेट, इन्हें मुख्य धारा में जोड़ने का काम करेगी सरकार  

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल के 6,000 निराश्रित बच्चे अब चिल्ड्रन ऑफ स्टेट कहलाएंगे। इन बच्चों के पालन-पोषण और इन्हें मुख्य धारा में जोड़ने का काम सरकार करेगी

प्रदेश के 6,000 निराश्रित बच्चे कहलाएंगे चिल्ड्रन ऑफ स्टेट, इन्हें मुख्य धारा में जोड़ने का काम करेगी सरकार  

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला     07-04-2023

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल के 6,000 निराश्रित बच्चे अब चिल्ड्रन ऑफ स्टेट कहलाएंगे। इन बच्चों के पालन-पोषण और इन्हें मुख्य धारा में जोड़ने का काम सरकार करेगी। 27 वर्ष की आयु तक उच्च शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण, कौशल विकास और कोचिंग के लिए इन्हें वित्तीय सहायता दी जाएगी। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सुख-आश्रय (बच्चों की देखभाल, संरक्षण और आत्मनिर्भरता) विधेयक 2023 को विधानसभा में पारित करके कानूनी रूप में अनाथ बच्चों का भविष्य सुनिश्चित किया है।

इस विधेयक से अनाथ और निराश्रित बच्चों को जहां बेहतर सुविधाएं मिल पाएंगी, वहीं उन्हें अपने भविष्य की नींव को मजबूत करने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस विधेयक का उद्देश्य अनाथ, निराश्रित और दिव्यांग बच्चों को उचित देखभाल, सुरक्षा, विकास और आत्मनिर्भरता प्रदान करना है।

इसमें चाइल्ड केयर और आफ्टर केयर संस्थानों में रहने वाले बच्चों को वस्त्र और उत्सव अनुदान प्रदान करने का प्रावधान भी किया गया है। बच्चों को राज्य के भीतर और अन्य राज्यों में वार्षिक शैक्षणिक भ्रमण का अवसर भी प्राप्त होगा।

इसके अतिरिक्त प्रत्येक बच्चे के लिए आवर्ती जमा खाते खोले जाएंगे, जिनमें राज्य सरकार योगदान देगी। उच्च शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण, कौशल विकास और कोचिंग की अवधि के दौरान भी उनके व्यक्तिगत खर्चों को पूरा करने के लिए स्टाइपेंड प्रदान किया जाएगा।

जो बच्चे 18 वर्ष की आयु के बाद अपना स्टार्ट-अप स्थापित करना चाहते हैं, उनको प्रदेश सरकार वित्तीय सहायता प्रदान करने के अलावा भूमिहीन अनाथों और निराश्रितों को तीन बिस्वा भूमि आवंटन व आवास अनुदान भी देगी।