बागवानों को अपने घरों में तैयार फसल का मंडियों में भेजने से पहले करना होगा वजन  

हिमाचल की मंडियों में सेब और अन्य फल बेचने से पहले बागवानों को अपने घरों में तैयार फसल का वजन करना होगा। बागवान को पेटी पर परमानेंट मार्कर से मार्क के साथ पेटी पर सेब का वजन लिखना अनिवार्य होगा

बागवानों को अपने घरों में तैयार फसल का मंडियों में भेजने से पहले करना होगा वजन  

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला     07-04-2023

हिमाचल की मंडियों में सेब और अन्य फल बेचने से पहले बागवानों को अपने घरों में तैयार फसल का वजन करना होगा। बागवान को पेटी पर परमानेंट मार्कर से मार्क के साथ पेटी पर सेब का वजन लिखना अनिवार्य होगा। बागवान पेटी पर 24 किलो तक ही सेब भर सकेंगे। 

मंडी में सेब के वजन को लेकर कोई विवाद उठा तो मौके पर उप समिति इसे सुलझाएगी। इस संबंध में कृषि सचिव ने अधिसूचना भी जारी कर दी है। बागवान यूनिवर्सल, टेलीस्कोपिक कार्टन के अलावा प्लास्टिक क्रेट में भी पैक कर सेब मंडियों में बेच सकेंगे।

प्रदेश की विभिन्न फल मंडियों में आढ़तियों को नीलामी यार्ड में फसलों का वजन करने के लिए कांटे भी लगाने होंगे। मंडियों के हर मार्केट यार्ड में सेब और अन्य फलों की बिक्री से पहले तुलाई करनी होगी। मंडियों में चाहे बागवान फसल बेचने पहुंच रहा है तो लदानी फल खरीदेगा अथवा आढ़ती सेब खरीदेगा तो इससे पहले फलों का वजन करना होगा। 

मंडियों में आढ़तियों और लदानियों का पंजीकरण होगा, उन्हें सेब और अन्य फल किलों के हिसाब से ही खरीदने होंगे। मार्केट कमेटी मंडियों में सही संख्या में तराजू उपलब्ध कराएगी। राज्य के मार्केटिंग बोर्ड के प्रबंध निदेशक नरेश ठाकुर ने कहा कि अगर वजन को लेकर विवाद होता है तो बागवनी, लदानी, आढ़तियों और एपीएमसी के प्रतिनिधियों की उप समिति सेब और अन्य फसलों के विवाद को मौके पर सुलझाएगी। 

अभी तक फल मंडियों में सेब बिना वजन के पेटियों के हिसाब से बिकता रहा है। अब सेब और अन्य वजन के हिसाब से बिकेगा। वर्तमान में प्रदेश की ब़ड़ी फल मंडियों में सेब और अन्य फल बेचने को कांटे नहीं लगे हैं।