हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को सहारा देने वाले सेब के पौधों की नई खेप अमरीका से आ गई है।
सरकार ने फैसला लिया था कि अब इटली के सेब पौधे यहां पर नहीं लाए जाएंगे, क्योंकि इटली के हजारों पौधे पहले ही खराब निकल चुके हैं। ऐसे में अमरीका से सेब के रूट स्टॉक को लाने का निर्णय लिया गया और यह रूट स्टॉक पहुंचना भी शुरू हो गया है।
इसे बागबानी विभाग की नर्सरी में डिवेलप किया जाएगा, जिसके बाद इनका आबंटन बागबानों को होगा। सेब बहुल क्षेत्रों में भविष्य में अमरीका का सेब उगेगा, जो कि कई मामलों में बेहतर है।
हाल ही में बागबानी विभाग की टीम अमरीका गई थी, जिसका यह दूसरा दौरा है। बताया जाता है कि साढ़े पांच लाख रूट स्टॉक वहां से मंगवाया गया है, जिसकी खेप शुरू हो चुकी है। इसके लिए यहां पर नर्सरी का इंतजाम किया जा रहा है।
बता दें कि इटली के पौधे जो पूर्व सरकार के समय से यहां पर बागबानी विकास परियोजना के तहत लाए गए थे, में से तीन लाख से ज्यादा पौधे सूखे हुए निकले थे।
इन पौधों को लेकर यहां पर बागबानी विभाग की रिपोर्ट आ चुकी है। जिस कंपनी से ये मंगवाए थे, उसने 75 हजार पौधों की रिप्लेसमेंट के लिए भी कहा है, जिसकी औपचारिकता पूरी की जा रही है।
इसके विपरीत अब अमरीका में सेब के रूट स्टॉक को लेकर समझौता किया गया है। चरणबद्ध ढंग से वहां से साढ़े पांच लाख पौधे आएंगे, जिसमें शुरुआत में एक लाख पौधे आएंगे।
बताया जाता है कि इसमें सब ट्रॉपिकल एरिया के लिए भी प्लांट्स होंगे। वहीं बागबानी विकास परियोजना के तहत हिमाचल लाए जा रहे विदेशी पौधों से यहां सेब की पैदावार बढ़ाए जाने का लक्ष्य है।
अमरीका के सेब पौधे यहां के बागबानों की आर्थिकी में किस कद्र बदलाव आएंगे, यह समय बताएगा। बागबान भी मानते हैं कि वहां की उन्नत किस्म की पौध हिमाचल के लिए फलदायी साबित होगी।