पारम्परिक शिल्प को प्रोत्साहित करने के लिए शिल्प और पर्यटन मेला शुरू करेगी सरकार : मुख्यमंत्री

पारम्परिक शिल्प को प्रोत्साहित करने के लिए शिल्प और पर्यटन मेला शुरू करेगी सरकार : मुख्यमंत्री

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 08-07-2020

मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां पर्यटन विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को विभिन्न पर्यटन परियोजनाओं का समयबद्ध निर्माण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए ताकि हिमाचल प्रदेश पर्यटकों की पसन्दीदा गंतव्य बनाया जा सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वदेश दर्शन योजना के तहत जिला सोलन के क्यारीघाट में 25 करोड़ रुपये की लागत से सम्मेलन केन्द्र स्थापित किया जा रहा है और कि इस वर्ष दिसम्बर माह के अन्त तक इसका कार्य पूरा कर लिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि शिमला में हेलीपोट के निर्माण का कार्य प्रगति पर है और सितम्बर, 2020 तक यह कार्य पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कांगड़ा में विलेज हाट, मनाली में कृत्रिम कलाइबिंग वाॅल और चम्बा के भलैई माता मन्दिर में कला और शिल्प केन्द्र का कार्य प्रगति पर है।

जय राम ठाकुर ने अधिकारियों को जिला कांगड़ा के बीड़ में पैराग्लाईडिंग केन्द्र का निर्माण कार्य निर्धारित समय में पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष मार्च माह तक शिमला में लाईट एण्ड साउंड कार्यक्रम आरम्भ कर दिया जाएगा, जो पर्यटकों के लिए अतिरिक्त आकर्षण होगा।

उन्होंने कहा कि स्वदेश दर्शन योजना के तहत सम्पूर्ण हिमालय सर्किट में साईंनेजिज, गैन्ट्रीज, सीसीटीवी और वाईफाई प्रणाली उपलब्ध करवाई जाएगी। जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य के अनछुए पर्यटनों स्थलों को विकसित करने के उद्देश्य से नई राहें नई मंजिलें परियोजना शुरू की है।

इस परियोजना के तहत 50 करोड़ रुपये के आंवटित बजट में से अब तक 18.65 करोड़ रुपये व्यय किए जा चुके हैं। इस योजना के अन्तर्गत जिला शिमला के चांशल क्षेत्र को स्की गंतव्य के रुप में विकसित किया जा रहा है। रज्जू मार्ग/स्की लिफ्ट, रेस्तरां, कैम्पिंग साईट और वे साईड अमेनिटीज का प्रस्ताव इस परियोजना के तहत प्रस्तावित है।

उन्होंने कहा कि जिला कांगड़ा के बीड़-बिलिंग को पैराग्लाईडिंग और जिला मण्डी के जंजैहली को ईको टूरिज्म गंतव्य के रूप में विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के तहत पौंग जलाशय को जलक्रीड़ा गंतव्य के रूप में विकसित किया जा रहा है।

जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार ने सूरजकुंड अन्तरराष्ट्रीय मेले की तर्ज पर राज्य में शिल्प और पर्यटन मेला आरंभ करने का निर्णय किया है ताकि हिमाचल प्रदेश के पारम्परिक शिल्प पर जानकारी का प्रचार किया जा सके।

उन्होंने अधिकारियों को सोलन जिले के कंडाघाट के समीप भू-हस्तांतरण के मामले में शीघ्रता लाने के निर्देश दिए ताकि इस स्थान पर मेला के लिए स्थान विकसित किया जा सके।

निदेशक पर्यटन यूनुस और हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम कीे प्रबन्ध निदेशक कुमुद सिंह ने भी इस अवसर पर प्रस्तुति दी। मुख्य सचिव अनिल खाची, प्रधान सचिव वित्त प्रबोध सकसेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव जे.सी. शर्मा, सचिव प्रशासनिक सुधार डाॅ. सन्दीप भटनागर के अतिरिक्त अन्य अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।