पर्यटन क्षेत्र को बचाने के लिए मददगार बनेगी सरकार
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 03-06-2020
हिमाचल के पर्यटन क्षेत्र को बचाने के लिए सरकार मददगार बनेगी। इस इंडस्ट्री को सहारा देने के लिए प्रदेश सरकार आने वाले दिनों में अहम फैसले ले सकती है।
मंगलवार को प्रदेश् भर के होटल मालिकों के साथ नए पर्यटन सचिव देवेश कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत कर उनके सुझाव लिए और इस क्षेत्र के लिए क्या कुछ किया जा सकता है, इस पर विचार किया गया।
सूत्रों के अनुसार आने वाले समय में सरकार होटल मालिकों को वर्किंग कैपिटल पर लोन देने पर विचार कर सकती है। इसमें ब्याज का आधा हिस्सा सरकार वहन करेगी, ऐसा सोचा जा रहा है।
इसके अलावा भी कई सुझाव हैं, जिन पर आने वाले दिनों में काम किया जाएगा। वर्किँग कैपिटल पर होटल मालिक लोन की मांग कर रहे हैं ताकि इस इंडस्ट्री को खड़ा रखा जा सके और यहां पर काम करने वाले कर्मचारी भी अपना काम कर सकें।
उनका रोजगार न छिने, जो सुझाव मिले हैं, उनके तहत राज्य सहकारी बैंक के माध्यम से ये लोग पांच साल की अवधि के लिए लोन देने की बात कर रहे हैं, जिसमें एक साल का मानेटेरियम हो। इस पर ब्याज दो से तीन फीसदी तक लगे।
यह लोग होटल के कमरे पर सरकार से 300 रुपए प्रतिदिन प्रति कमरे के हिसाब से एक साल के लिए एडवांस सपोर्ट मांग रहे हैं, जो कि लोन की शक्ल में होगा। यदि सरकार इसमें इनकी मदद करती है, तो यहां पर टूरिज्म इंडस्ट्री से जुड़े होटल मालिकों को बड़ी राहत मिलेगी।
वीडियो कान्फ्रेंसिंग में होटल मालिकों ने केंद्र सरकार की देखो अपना देश योजना को 2025 तक बढ़ाए जाने की मांग केंद्र से उठाने को कहा है, वहीं जीएसटी के स्लैब में भी कमी करने की मांग की है।
जीएसटी का स्लैब 12 से पांच फीसदी किया जाए, वहीं 18 से 12 फीसदी, जो कि होटल के कमरों पर लगता है। इसी तरह से खाने पर दो साल के जीएसटी में पूरी छूट देने की मांग इन्होंने सरकार से की है।
साथ ही एक हजार रुपए के कमरे पर लगने वाले जीएसटी में छूट देकर उसे दो हजार रूपए तक बढ़ाए जाने की मांग इन्होंने की है।