यंगवार्ता न्यूज़ - सोलन 15-05-2023
डा. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय टीबी से ग्रसित रोगियों के लिए वरदान साबित होने वाला है। बता दें कि नौणी विश्वविद्यालय टीबी के रोगियों को जल्द ही गोद लेगा, जिसके लिए विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. राजेश्वर चंदेल ने इसकी शुरुआत कर दी है। साथ ही विश्वविद्यालय के अधिकारी, कर्मचारी व प्रबंधक भी क्षय रोगियों को गोद लेने के लिए आगे आ रहे हैं। गोद लेने वाले अधिकारी व कर्मचारियों ने क्षय रोगियों का उपचार कराने तथा ख्याल रखने के साथ ही उन्हें भावनात्मक संबल भी देंगे। गौरतलब रहे कि टीबी की बीमारी से संक्रमित रोगियों में कुपोषण प्रमुख कारण देखा जा रहा है।
ऐसे लोगों को ठीक ढंग से आहार देकर उन्हें इस बीमारी से बाहर निकालने का काम होगा। टीबी के मरीजों की मृत्यु दर को भी कम करने के लिए काम किया जाएगा। टीबी की बीमारी से लड़ने के लिए निश्चय मित्र टीम के अंतर्गत उन्हें गोद लिया जाएगा, जिसके तहत रोगियों को पौष्टिक आहार मुहैया करवाने के लिए सरकार की मदद के अलावा अब रेडक्रॉस सोसायटी व आम जनमानस की भागीदारी को भी बढ़ावा दिया जाएगा।
विदित रहे कि देशभर में इन दिनों टीबी मुक्त बनाने के लिए स्वास्थ्य महकमे की ओर से कार्य किया जा रहा है। केंद्र सरकार का भारत को टीबी मुक्त बनाने के लिए 2025 का लक्ष्य रखा है। वहीं प्रदेश ने 2024 का लक्ष्य निर्धारित किया है। डा. यशवंत सिंह परमार औद्योनिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के कुलपति राजेश्वर चंदेल ने कहा कि सभी शिक्षकों को जो भी क्षयरोगी देखभाल के लिए मिलेंगे, वह इस कार्य को निष्ठापूर्वक करेंगे। उन्होंने कहा कि मानवता के विकास के लिए टीबी मुक्त कराने की जरूरत है विश्वविद्यालय के शिक्षक इसमें बढ़ चढक़र हिस्सा लेंगे।