फर्श पर चौथा स्तंभ, ऊर्जा मंत्री के घर में पत्रकारों का तिरस्कार, मूकदर्शक बना शासन-प्रशासन
प्रधानमंत्री के इस वर्चुअल कार्यक्रम के लिए मेडिकल डिपार्टमेंट के हजारों रूपये खर्च किया गया। बावजूद इसके भी मीडिया के लिए बैठने तक की व्यवस्था नहीं
प्रधानमंत्री के इस वर्चुअल कार्यक्रम में मीडिया कर्मियों को बैठने तक की व्यवस्था नहीं
ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी और खाद्य एवं आपूर्ति निगम के उपाध्यक्ष बलदेव तोमर बने तमाशबीन
फर्श पर बैठ कर कवर किया कार्यक्रम
अंकिता नेगी - पांवटा साहिब 07-10-2021
भले भी हिमाचल प्रदेश में भाजपा का मीडिया मैनेजमेंट सराहनीय हो, लेकिन ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी और खाद्य एवं आपूर्ति निगम के उपाध्यक्ष के कार्यक्रम में पत्रकारों की ऐसी बेकद्री कि मीडिया को चौथे स्तंभ कहे जाने के मायने बेमानी हो गए है।
हैरानी की बात तो यह है कि इस कार्यक्रम में पूरा प्रशासनिक अमला पहुंचा हुआ था। प्रधानमंत्री के इस वर्चुअल कार्यक्रम के लिए मेडिकल डिपार्टमेंट के हजारों रूपये खर्च किया गया। बावजूद इसके भी मीडिया के लिए बैठने तक की व्यवस्था नहीं कर पाए।
यही नहीं इस कार्यक्रम में ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी और खाद्य एवं आपूर्ति निगम के उपाध्यक्ष और भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता बलदेव तोमर भी मीडिया की बेकद्री को अनदेखा कर गए।
गौर हो कि गुरु की नगरी पांवटा साहिब में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश सहित पांवटा सिविल अस्पताल में नवनिर्मित ऑक्सीजन प्लांट का शुभारंभ किया तो वहीं बड़ी संख्या में आला अधिकारी मौके पर मौजूद रहे। कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों को उस समय बेकद्री का सामना करना पड़ा। जब इतने बड़े कार्यक्रम की कवरेज करने व इस पल को ऐतिहासिक बनाने की मंशा से पहुंचे दर्जनों पत्रकार को बैठने के लिए एक भी कुर्सी नसीब नहीं हुई।
मीडियाकर्मी ने लगभग एक घंटा खड़े होकर स्थिति का जायजा लेते रहे और जब सब्र का बांध टूटा तो सब पत्रकार कार्यक्रम के दौरान फर्श पर बिछाए गए मैट पर बैठ गए। जहां से पत्रकार अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वर्चुअल कार्यक्रम कवर करते रहे।
हालांकि इस दौरान वीडियो कवरेज के लिए पत्रकारों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। कार्यक्रम का आयोजक स्वास्थ्य विभाग यह सब मूक दर्शक बनकर देखता रहा, लेकिन मीडिया कर्मियों के लिए कोई उचित व्यवस्था न कर सका। आलम यह रहा कि मीडिया कर्मियों द्वारा जब उपस्थित वॉलिंटियर्स से पानी मांगा गया, तो वह भी नसीब नहीं हुआ,और चटाई पर बैठे पत्रकारों को कवरेज करने में भरी परेशानी आई फिर भी सभी एकजुटता के साथ फर्ज निभाते हुए कार्यक्रम कवर करते रहे।
हालांकि कार्यक्रम के दौरान ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने उपायुक्त सिरमौर को व्यवस्था संभालने का इशारा किया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी, लगभग कार्यक्रम आधा अधूरा कवर कर मीडिया निकल चुका था। मीडिया कर्मियों की नाराजगी किसी भी राजनितिक दल से नही है, बल्कि मीडिया को समाज का एक आइना माना जाता है जिसको चौथा स्तम्भ भी कहा जाता है।
यदि नेताओं के लिए बैठने के लिए कुर्सियां मिल सकती हैं तो पत्रकारों के लिए आखिर क्यों नही जिन्होंने हज़ारों लोगों तक खबरें पहुंचानी है। खैर पत्रकार अपने फर्ज व कर्तव्य निभाते हुए डटे रहे। लेकिन यह जग जाहिर जरूर हुआ है कि अस्पताल के डॉक्टरों का पत्रकारों के प्रति नकारात्मक रवैया किस कद्र रहा है।
यह पहले से ही है कि वरिष्ठ डॉक्टर कुछ ऐसे भी हैं जो मीडिया के कैमरे में आने से तक साफ़ मना कर देते हैं, जाहिर हो कि मीडिया अक्सर अस्पताल में पेश आ रही समस्याओं व विभागीय कर्मियों द्वारा बरती गई लापरवाही को समय-समय पर उजागर करता रहा है।
आलम यह है कि पत्रकारों के अलावा पांवटा अस्पताल के डॉक्टर तीमारदारों से भी उलझ पड़ते हैं। बीते दिन ही एक डॉक्टर के खिलाफ बदसलूकी करने की शिकायत पांवटा थाना में दर्ज हो चुकी है।