200 करोड़ की फर्जी बिलिंग का पर्दाफाश , विजिलेंस ने चंडीगढ़ से पकड़ा मास्टरमाइंड.....
यंगवार्ता न्यूज़ - बद्दी 14-12-2020
जीएसटी चोरी के एक बड़े मामले का भंडाफोड़ करते हुए सतर्कता महानिदेशालय, बद्दी ने 200 करोड़ की फर्जी बिलिंग पकड़ी है।
पड़ताल में खुलासा हुआ है कि नामी उद्योगों ने लैड व आयरन की फर्जी खरीद कर जीएसटी की बड़ी पैमाने पर चोरी की और सरकारी खजाने को करोड़ों का चूना लगाया।
हिमाचल के उद्योगपति, जिसमें कई स्टील व बैटरी निर्माण से जुड़े हैं, इस फ र्जीबाड़े को चंडीगढ़ के एक मास्टरमाइंड के जरिए अंजाम दे रहे थे।
इसके लिए बाकायदा फर्जी कंपनियां बनाकर बिना वास्तविक व्यापार के ही फर्जी बिलों के सहारे करोड़ों रुपए का इनपुट टैक्स क्रेडिट लिया जा रहा था।
जीएसटी सतर्कता महानिदेशालय, बद्दी को जब इस गोलमाल की भनक लगी, तो इस गिरोह का पर्दाफाश करने के लिए पंजाब, हिमाचल, हरियाणा व दिल्ली की विभिन्न लोकेशंज पर दबिश दी और इस पूरे घोटाले के सूत्रधार को चंडीगढ़ से धर दबोचा, जिसे कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
जानकारी के मुताबिक जीएसटी सतर्कता महानिदेशालय, बद्दी ने डाटा एनालिटिक्स से मिले सुराग के आधार पर पिछले दिनों इस नेटवर्क की छानबीन शुरू की थी, जिसमें एक-एक कर बोगस ट्रेडिंग के कई तार जुड़ते चले गए।
सतर्कता महानिदेशालय द्वारा खुलासा किया गया गया कि इस नेटवर्क ने कई शेल कंपनियां बनाकर ग्राहकों को फर्जी बिल जारी किए,
जिन्होंने बिना कोई माल रिसीव किए अपनी जीएसटी लायबिलिटी के अगेंस्ट इनपुट टैक्स क्रेडिट क्लेम किया और सरकारी खजाने को चपत लगाई।
जांच में यह फर्जीबाड़ा करीब 200 करोड़ का पाया गया है। इन लोगों से पूछताछ के आधार पर नेटवर्क के ऐसे तार भी खंगाले जा रहे हैं, जो क ई राज्यों में फैले हो सकते हैं।
जीएसटी इंटेलिजेंस बद्दी के उपनिदेशक हरविंद्र पाल सिंह ने बताया कि जांच के दौरान पाया गया कि हिमाचल के कई बड़े उद्योग इस गोरखधंधे में शामिल थे, जिन्होने जाली बिलों को बढ़ावा दिया।
अगले दिनों में सतर्कता विभाग कई जगह और छापेमारी करके ऐसे और ज्यादा लोगों पर शिकंजा कसेगा, जिन्होंने नकली बिल बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। सरकारी दस्तावेजों के साथ धोखा करने वाले किसी भी शख्स को बख्शा नहीं जाएगा।
उन्होंने बताया कि बीबीएन के अलावा पूरे प्रदेश में जांच व सर्च के दौरान वस्तु एवं सर्विस कर (जीएसटी) हड़पने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी और जीएसटी लायबिलिटी के अगेंस्ट इनपुट टैक्स क्रेडिट क्लेम करने वालों से वसूली की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस मामले में जल्द कई बड़े चेहरे बेनकाब होंगे।