बिना परमिशन के 32 कोर्स पर आईईसी यूनिवर्सिटी पर 11 लाख जुर्माना

बिना परमिशन के 32 कोर्स पर आईईसी यूनिवर्सिटी पर 11 लाख जुर्माना

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  12-06-2021

बिना अनुमति के 32 कोर्स शुरू करने पर निजी शिक्षण नियामक आयोग ने बद्दी की आईईसी यूनिवर्सिटी पर 11 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। साथ ही आयाेग ने 3063 बच्चाें काे जिनके लिए ये कोर्स शुरू किए गए थे, उन बच्चाें के भविष्य काे ध्यान में रखते हुए उन्हें नियमित किए जाने के भी आदेश जारी किए हैं।

साथ ही आयाेग ने एक कमेटी भी गठित की है जाे यह देखेगी कि यूनिवर्सिटी ने इन 3063 बच्चाें काे रेगुलर किया है या नहीं। यूनिवर्सिटी की ओर से दी जा रही एजुकेशन की क्वालिटी की भी जांच की जाएगी। 

आयाेग ने यूनिवर्सिटी काे एक महीने के भीतर जुर्माने के 11 लाख रुपए जमा करने के आदेश जारी किए हैं। इसकी पुष्टि आयाेग के अध्यक्ष सेवानिवृत मेजर जर्नल अतुल कौशिक ने की है। उन्हाेंने कहा कि यह यूनिवर्सिटी यूजीसी और अन्य केंद्रीय एजेंसियाें से अनुमति लिए बगैर 32 काेर्स करवा रही थी।

आयाेग ने इंडस यूनिवर्सिटी द्वारा अपने चार कर्मचारियाें काे दी गई डिग्रियाें की जांच के लिए कमेटी गठित की है। आयाेग ने यह जानने के लिए कमेटी गठित की है कि विश्विविद्यालय ने जाे डिग्रियां अपने कर्मचारियाें काे बांटी है उसमें काेई गलती ताे नहीं है। 

साथ ही इस यूनिवर्सिटी में फर्जी डिग्री मामले में जारी किए गए एफआईआर दर्ज किए जाने का स्टेटस जानने काे भी कहा गया है। आयाेग ने एपीजी यूनिवर्सिटी पर बिना अनुमति के छह महीने का सर्टिफिकेट काेर्सिस शुरू करवाने की एवज में 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। 

हालांकि यूनिवर्सिटी ने एक बच्चे के लिए ही यह काेर्स शुरू किया है। आयाेग ने श्रीसाईं यूनिवर्सिटी पर भी अपने कर्मचारियाें काे वेतन न देने और बच्चाें की सिक्योरिटी रिफंड न करने को लेकर एक्शन लेते हुए 15 जुलाई तक सभी के पैसाें का भुगतान करने के आदेश जारी किए हैं।

सेवानिवृत मेजर जर्नल अतुल कौशिक ने कहा कि निजी विश्वविद्यालयाें काे डिस्टेंस और काेरस्पाेंडेंस काेर्स करवाने की अनुमति नहीं है, जबकि आईईसी यूनिवर्सिटी अपने तरीके से डिस्टेंस काेर्स और काेराेस्पाेडेंस काेर्सिस काे शुरू करने का ढांचा खड़ा कर दिया था और सरकार से फीस की मंजूरी नहीं ले रखी थी।

निजी शिक्षण नियामक आयाेग में शुक्रवार को चार निजी यूनिवर्सिटियाें के खिलाफ मामले की सुनवाई थी जिसमें आयाेग ने अलग अलग मामलाें में कड़े आदेश जारी किए है।