बारिश न होने के कारण भारी डिमांड में रहने वाली अप्रैल तोड़ चाय की पैदावार बुरी तरह प्रभावित
यंगवार्ता न्यूज़ - कांगड़ा 03-05-2021
समय पर बारिश न होने के कारण भारी डिमांड में रहने वाली अप्रैल तोड़ चाय की पैदावार बुरी तरह प्रभावित हुई है। आलम यह कि फरवरी तथा मार्च में प्रदेश में बारिश की कमी के चलते उत्पादन 70 से 80 फीसदी तक कम रहा है।
चाय उत्पादकों के अनुसार मौसम की बेरुखी के कारण ऐसे हालात पिछले लंबे समय के दौरान पहली बार बने हैं, जब सूखे ने लगभग 80 प्रतिशत पैदावार निगल लिया है।
गौर रहे कि अप्रैल तोड़ की चाय की भारी डिमांड रहती है और इस समय के उत्पादन से चाय उत्पादकों को कमाई व अच्छे दाम की खास आस रहती है।
चाय उत्पादकों के अनुसार चाय उद्योग पर ऐसा संकट पहली बार देखा गया है और पहली बार बड़े आर्थिक नुकसान की स्थिति बन चुकी है।
जानकारी के अनुसार बीते समय के दौरान पालमपुर चाय फैक्टरी में इस सीजन में हर रोज औसतन लगभग दस हजार किलोग्राम चाय पहुंचती थी, वहीं इस बार यह आंकड़ा कम होकर औसतन डेढ़ से दो हजार किलो प्रतिदिन रहा है।
चाय उत्पादकों के अनुसार अप्रैल तोड़ चाय की अच्छी पैदावार के लिए जनवरी से मार्च तक की बारिश अहम रोल अदा करती है, लेकिन इस बार इन तीन महीनों में सामान्य से बेहद कम बरिश ने चाय उत्पादन को नुकसान पहुंचाया है।
उधर, जानकारों के अनुसार इस साल रेड स्पाइडर माइट ने भी चाय उत्पादन को प्रभावित किया है। रेड स्पाइडर माइट की मार के कारण चाय के पेड़ सूख गए हैं। हालांकि चाय उत्पादकों को लेबर की कमी से भी जूझना पड़ रहा है।
लेकिन इस बार असली मार सूखे के कारण पड़ी है, जैसा कि पिछले लंबे समय से नहीं देखा गया है। प्रमुख चाय उत्पादक और पालमपुर टी फैक्टरी के अध्यक्ष राजेंद्र ठाकुर और रायपुर टी एस्टेट के राजीव सूद कहते हैं कि समय पर बारिश न होने के कारण इस बार चाय का उत्पादन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है।
फरवरी, मार्च माह में बारिश नहीं हुई, जबकि अप्रैल तोड़ के लिए इस अवधि में अच्छी बारिश अति आवश्यक रहती है। इस कारण चाय उत्पादन का आंकड़ा इस बार पिछले वर्षों की तुलना में 70 से 80 प्रतिशत तक कम रहा है। सूखे के कारण चाय उद्योग पर अपने इतिहास के सबसे बड़े आर्थिक नुकसान की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। (एचडीएम)