बाहरा और शूलिनी विवि के बाद अब बद्दी यूनिवर्सिटी के कुलपति ने भी दिया इस्तीफा 

बाहरा और शूलिनी विवि के बाद अब बद्दी यूनिवर्सिटी के कुलपति ने भी दिया इस्तीफा 

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला   18-12-2020

बाहरा और शूलिनी विवि के बाद अब बद्दी यूनिवर्सिटी ऑफ इमर्जिगिं साइंस एंड टेक्नालॉजी के कुलपति ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।

कुलपति की नियुक्तियों में यूजीसी के नियमों की अनदेखी को लेकर जांच के बीच अब तक प्रदेश में पांच विश्वविद्यालयों के कुलपति इस्तीफा दे चुके हैं। 

उधर, दो निजी विवि ने अभी तक नियामक आयोग के समक्ष अपना पक्ष नहीं रखा है। अब इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल सेवानिवृत्त अतुुल कौशिक ने बताया कि पांच विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने उन पर लगाए आरोपों पर दोबारा विचार करने के लिए आवेदन किया है। 

21 से 23 दिसंबर तक आयोग की जांच कमेटी सुनवाई करेगी। गौर हो कि बीते दिनों आयोग ने निजी विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्तियों की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया था।

हायर एजूकेशन काउंसिल के अध्यक्ष प्रो. सुनील गुप्ता की अध्यक्षता में बनाई कमेटी में तकनीकी विवि और क्लस्टर विवि के कुलपति सदस्य बनाए थे। इस कमेटी की जांच में दस निजी विवि के कुलपतियों को अयोग्य करार दिया गया है। 

आरोप है कि आठ निजी विवि ने कुलपतियों के चयन के लिए कमेटियों का गठन नहीं किया। दस वर्ष तक प्रोफेसर के पद का अनुभव रखने वाला ही कुलपति बन सकता है, लेकिन इन विवि में नियुक्ति के समय इसका ध्यान नहीं रखा गया।

बद्दी और शूलिनी विवि ने निर्धारित 70 वर्ष की आयु की अधिक उम्र वालों को कुलपति बना दिया। आयोग कि ओर से बीते दिनों इन विवि को नोटिस जारी कर जवाबतलब किया गया था। इसी बीच बीते दिनों बाहरा और शूलिनी विवि के कुलपतियों ने इस्तीफे दिए थे। 

अब बद्दी विवि के कुलपति ने भी पद छोड़ दिया है। अक्तूबर में नियुक्तियों की जांच शुरू होने से पहले ही अरनी विवि कांगड़ा और श्रीसाईं विवि ऊना के कुलपति इस्तीफे दे चुके हैं।

बता दें कि आईसीएफएआई विवि बद्दी, इटरनल विश्वविद्यालय बडू साहिब सिरमौर, चिटकारा विवि बरोटीवाला, बाहरा विवि वाकनाघाट, बद्दी यूनिवर्सिटी ऑफ इमर्जिगिं साइंस एंड टेक्नालॉजी, शूलिनी विवि सोलन, एमएमयू कुमारहट्टी, एपीजी विवि शिमला, अरनी विवि काठगढ़ कांगड़ा और इंडस विवि ऊना के कुलपतियों को आयोग की जांच कमेटी ने अयोग्य करार दिया है।