भक्ति ज्ञान वैराग्य और त्याग का संयोग है श्रीमदभागवत कथा : आर्चाय पंकज 

भक्ति , ज्ञान ,वैराग्य और त्याग का संयोग ही भागवत है। कलयुग में हर प्राणी के लिए श्रीमद भागवत कथा सर्वश्रेष्ठ है।

भक्ति ज्ञान वैराग्य और त्याग का संयोग है श्रीमदभागवत कथा : आर्चाय पंकज 

गोपाल शर्मा - राजगढ़  29-11-2021


भक्ति , ज्ञान ,वैराग्य और त्याग का संयोग ही भागवत है। कलयुग में हर प्राणी के लिए श्रीमद भागवत कथा सर्वश्रेष्ठ है। प्रार्थना ऐसी संस्कृति है जिससे भगवान को प्राप्त किया जा सकता है।

प्रार्थना से भगवान प्रसन्न होते है और कष्ट दूर होते है। ये विचार राजगढ़ के कढीयुत में चल रही सात दिवसीय कथा में व्यासपीठ से कथा वाचक आचार्य पंकज महाराज ने  व्यक्त किये।

उन्होंने कहा कि व्यक्ति को सदैव मीठा बोलना चाहिए क्योकि हर कोइ अच्छी वाणी सुनना चाहता है। व्यक्ति को वाणी का सदुपयोग करना चाहिए। उन्होंने  बताया कि भक्ति की तीन धाराए  विश्वास , संबंध और समर्पण  है और इन तीन चीजों का समावेश जरूरी है। 

इसी प्रकार जीवन में कष्ट देने वाले तीन शूल  काम . क्रोध और मोह से  दूर रहना जरूरी है। उन्होंने कहा कि हम जैसे कर्म करते है वैसे ही फल की प्राप्ति होती है। इसलिए मनुष्य को चाहिए की वह शुभ कर्म करके इस मनुष्य देह को सफल व सार्थक बनाये।

कथा के दौरान  श्री कृष्ण भगवान  के प्राकट्य दिवस पर श्रद्धालुओं द्वारा नाचकर खूब उत्सव मनाया गया और आचार्य पंकज जी महाराज ने मधुर वाणी से सुंदर भजनों द्वारा सभी को भाव विभोर किया।