भारतीय सेना को मिले 319 युवा अफसर, हिमाचल के 13 तो मित्र देशों के 68 जवान बने सैन्य ऑफिसर  

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जनरल बिपिन रावत की वीरता को किया याद

भारतीय सेना को मिले 319 युवा अफसर, हिमाचल के 13 तो मित्र देशों के 68 जवान बने सैन्य ऑफिसर  

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जनरल बिपिन रावत की वीरता को किया याद

सन्नी वर्मा  - देहरादून  11-12-2021

 

भारत माता तेरी कसम तेरे रक्षक बनेंगे हम, आईएमए गीत पर कदमताल करते जेंटलमैन कैडेट ड्रिल स्क्वायर पर पहुंचे तो लगा कि विशाल सागर उमड़ आया है। एक साथ उठते कदम और गर्व से तने सीने दर्शक दीर्घा में बैठे हरेक शख्स के भीतर ऊर्जा का संचार कर रहे थे।

आज भारतीय सैन्य अकादमी ( आईएमए ) में अंतिम पग भरते ही 319 नौजवान भारतीय सेना का हिस्सा बन गए। इसके साथ ही 68 विदेशी कैडेट भी पास आउट हुए। राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने परेड की सलामी ली। 

भारतीय सैन्य अकादमी में पासिंग आउट परेड ( पीओपी ) के साथ ही आज भारतीय थल सेना को 319 युवा जांबाजों की टोली मिल गई। इसके साथ ही मित्र देशों के 68 कैडेट भी पास आउट हुए। पीपिंग व ओथ सेरेमनी के बाद पासिंग आउट बैच के 387 जेंटलमैन कैटेड बतौर लेफ्टिनेंट देश-विदेश की सेना का अभिन्न अंग बन गए हैं।

 इनमें 319 युवा सैन्य अधिकारी भारतीय थलसेना को मिले हैं। जबकि 68 युवा सैन्य अधिकारी आठ मित्र देशों अफगानिस्तान, भूटान, श्रीलंका, नेपाल, मालदीव , म्यांमार, तंजानिया व तुर्कमेनिस्तान की सेना का अभिन्न अंग बने हैं।

इसके बाद देहरादून स्थित प्रतिष्ठित भारतीय सैन्य अकादमी के नाम देश-विदेश की सेना को 63 हजार 668 युवा सैन्य अधिकारी देने का गौरव जुड़ गया है। इनमें मित्र देशों को मिले 2624 सैन्य अधिकारी भी शामिल हैं। 

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बतौर निरीक्षण अधिकारी परेड की समीक्षा की और पास आउट हो रहे जेंटलमैन कैडेटों से सलामी ली। उनके साथ में कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल हरिन्द्र सिंह और स्वॉर्ड ऑफ ऑनर विजेता अनमोल गुरुंग भी मौजूद रहे।

इसके बाद भावी सैन्य अफसरों की भव्य मार्चपास्ट हुई। समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कैडेट्स को अवॉर्ड से सम्मानित किया। अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने सभी को राष्ट्र की सेवा के लिए खुद को समर्पित करने का आह्वान किया। उन्होंने जेंटलमैन कैडेट को उन चुनौतियों के बारे में बताया, जिनका आज हमारा राष्ट्र , क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर सामना कर रहा है।

 राष्ट्रपति ने कहा कि हमारा झंडा दिवंगत सीडीएस जनरल बिपिन रावत जैसे बहादुर पुरुषों के कारण हमेशा ऊंचा रहेगा। उन्होंने यहां आईएमए में प्रशिक्षित प्राप्त किया था। आईएमए से पास आउट होने वाले कैडेट ऐसे ही हमेशा भारत के सम्मान की रक्षा और रक्षा करेंगे। 

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि देश के आधुनिक समय के खतरों से निपटने के लिए केवल शारीरिक और मानसिक दृढ़ता ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि सैन्य अधिकारी के रूप में अधिकारियों को एक रणनीतिक मानसिकता विकसित करनी होगी। सैन्य कौशल को सुधारने के लिए मानसिक तौर पर मजबूत होना होगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में युद्ध की तकनीक बदल गई है।

इसलिए सैन्य अधिकारियों को इन तकनीकों को अपनाना होगा। कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए इस बार भी परेड के दौरान हर स्तर पर बेहद सतर्कता बरती जा रही है। आईएमए के ऐतिहासिक चेटवुड भवन के सामने ड्रिल स्क्वायर पर परेड सुबह साढ़े सात बजे से शुरू हुई।

 इस दौरान कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल हरिन्द्र सिंह और डिप्टी कमांडेंट आलोक जोशी ने परेड की सलामी ली। इससे बाद जनरल कमांडिंग ऑफिसर ले.जनरल राज शुक्ला ने परेड की सलामी ली।

राज्यपाल गुरमीत सिंह और सीएम पुष्कर सिंह धामी भी परेड में पंहुचे। पीओपी को सादगी से आयोजित किया जा रहा है। परेड के दौरान ड्रिल स्क्वायर पर मार्चपास्ट, अवार्ड डिस्ट्रीब्यूशन , पीपिंग व ओथ सेरेमनी की रस्म तो निभाई गई, लेकिन जश्न नहीं मनाया गया।


राज्यवार कैडेटों की संख्या
उत्तर प्रदेश - 45 , उत्तराखंड -43 , हरियाणा- 34 , बिहार- 26 , राजस्थान -23 , पंजाब- 22 , मध्य प्रदेश -20 , महाराष्ट्र -20 , हिमाचल प्रदेश- 13 , जम्मू कश्मीर -11 , दिल्ली-11 , तमिलनाडु -7 , कर्नाटक- 6 , केरल -5 , आंध्र प्रदेश- 5 , चंडीगढ- 5 , झारखंड -4 , पश्चिम बंगाल -3 , तेलंगाना- 3 , मणिपुर- 2 , गुजरात -2 , गोवा- 2 , उड़ीसा- 2 , असम -2 , मिजोरम- 2 , छत्तीसगढ़ी- 2 , मिजोरम -2
इन्हें मिला अवॉर्ड:
स्वॉर्ड ऑफ ऑनर-एसीए अनमोल गुरुंग , ऑर्डर ऑफ मेरिट में स्वर्ण पदक- एसीए अनमोल गुरुंग  , रजत पदक - बीओ तुषार सपरा , कांस्य पदक - बीसीए आयुष रंजन , चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बैनर - केरेन कॉय , बांग्लादेश ट्रॉफी - बीओ सांगे फेनडेन दोरजी (भूटान) आदि को अवार्ड मिला।