मरीजों को देने की बजाय नाले में फेंक दी सरकारी दवाइयां , विभाग की कार्य प्रणाली पर सवाल 

हिमाचल की गरीब जनता को भले ही सरकारी अस्पतालों से दवाई नहीं मिलती हो और यह दवाइयां अस्पताल के स्टोर में पड़ी पड़ी एक्सपायर हो जाती है , जिसे विभाग द्वारा बाद में खुले में फेंक दिया जाता है

मरीजों को देने की बजाय नाले में फेंक दी सरकारी दवाइयां , विभाग की कार्य प्रणाली पर सवाल 

यंगवार्ता न्यूज़ -  काँगड़ा  22-04-2022
 
हिमाचल की गरीब जनता को भले ही सरकारी अस्पतालों से दवाई नहीं मिलती हो और यह दवाइयां अस्पताल के स्टोर में पड़ी पड़ी एक्सपायर हो जाती है , जिसे विभाग द्वारा बाद में खुले में फेंक दिया जाता है। पठानकोट-मंडी नेशनल हाईवे पर 32 मील के पास नाले में सरकारी दवाइयों की पड़ी हुई बोतल व ट्यूब मिली हैं।
 
 
इसमें पैरासिटामोल की करीब 400-500 बोतल, क्लोट्रिमाजोल एंड डिप्रोपियोनेट क्रीम तथा क्लोट्रिमाजोल एंड वेक्लोमैथाजोन डिप्रोपिनेट क्रीम की ट्यूब्स पड़ी मिली हैं। इनके ऊपर एचपी गवर्नमेंट सप्लाई, नॉट फार सेल अंकित है तथा यह दवाइयां एक्सपायरी हो चुकी हैं।
 
किसी सरकारी अस्पताल द्वारा ही एक्सपायरी होने के बाद इन दवाइयों को नाले में फेंका गया है। स्थानीय लोगों ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सहजल से मांग की है कि इसकी जांच करवाई जाए तथा जिस भी अस्पताल द्वारा यह दवाइयां फेंकी गई है, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
 
इस बारे में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने बताया कि मुझे इसकी जानकारी मीडिया से मिली है। अगर एक्सपायरी दवाइयों की खेप मिली है, तो मुख्य चिकित्साधिकारी को इसकी जांच करने के निर्देश दिए जाएंगे व कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।