राणाघाट के पहले राजपत्रित अधिकारी बने परितोष तोमर , पहले ही प्रयास में उतीर्ण की श्रम अधिकारी की परीक्षा

होनहार बिरवान के होत चिकने पात अर्थात  ग्रामीण परिवेश में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है केेवल प्रेरणा और  उचित मार्गदर्शन मिलने की आवश्यकता है। इस कहावत को शरगांव के एक होनहार युवा परितोष तोमर ने सार्थक करके दिखाया है

राणाघाट के पहले राजपत्रित अधिकारी बने परितोष तोमर , पहले ही प्रयास में उतीर्ण की श्रम अधिकारी की परीक्षा

यंगवार्ता न्यूज़ - राजगढ़  09-02-2023
 
होनहार बिरवान के होत चिकने पात अर्थात  ग्रामीण परिवेश में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है केेवल प्रेरणा और  उचित मार्गदर्शन मिलने की आवश्यकता है। इस कहावत को शरगांव के एक होनहार युवा परितोष तोमर ने सार्थक करके दिखाया है। जिन्होने हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग से श्रम अधिकारी ( क्लास-11 राजपत्रित )पद की परीक्षा में सफलता प्राप्त करके राणाघाट पंचायत व राजगढ़ क्षेत्र का नाम रोशन किया है। परितोष तोमर द्वारा यह परीक्षा प्रथम प्रयास में बिना किसी कोचिंग के उतीर्ण की गई है। 
 
 
उन्होने बताया कि इस परीक्षा में विभिन्न वर्ग के 12 युवाओं का श्रम अधिकारी पद के लिए चयन हुआ है जिसकी परीक्षा बीते वर्ष अक्तूबर 2022 में हुई थी। परितोष के श्रम अधिकारी बनने पर समूचे राजगढ़ क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। परितोष तोमर का जन्म राजगढ़ ब्लाॅक की राणाघाट पंचायत के शरगांव में एक साधारण परिवार में  रामस्वरूप तोमर के घर वर्ष 1995 में हुआ। प्राथमिक शिक्षा अपने गांव के स्कूल से करने के उपरांत परितोष तोमर ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला राजगढ़ से 12वीं कक्षा वर्ष 2013 में उतीर्ण की। 
 
 
तत्पश्चात परितोष द्वारा बीटेक (मेकेनिकल ) की डिग्री शूलिनी विश्वविद्यालय से वर्ष 2017 में तथा एमबीए की डिग्री हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से वर्ष 2019 में  हासिल की गई। बता दें कि परितोष तोमर श्रम अधिकारी बनने से संतुष्ट नहीं है बल्कि सिविल सर्विस के लिए अपनी पढ़ाई जारी रखे हुए हैं। परितोष ने बताया कि उनका लक्ष्य हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा की परीक्षा उतीर्ण करना है जिसके लिए दिन रात मेहनत करेगें। परितोष तोमर अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता रामस्वरूप तोमर, माता कमलेश तोमर तथा माॅसी राधा मेहता को दिया है जिसकी प्रेरणा और आर्शिवाद से उन्होने यह मुकाम हासिल किया है। 
 
 
गौर  हो कि परितोष तोमर राणाघाट पंचायत के पहले राजपत्रित अधिकारी बने हैं। उन्होने बताया कि उनके पिता रामस्वरूप तोमर वर्ष 2002 में सेना से रिटायर हुए है जिनके द्वारा अचल सम्पति बनाने की बजाए बच्चों की पढ़ाई पर विशेष ध्यान दिया गया। इनके छोटे भाई द्वारा भी एमबीए की गई है जोकि एक मल्टीनेशनल कंपनी में कार्य करते हैं। पिता रामस्वरूप तोमर ने बताया कि परितोष बचपन से ही एक होनहार बालक था जिसने अपनी मेहनत व पढ़ाई के प्रति लग्न से सफलता की ओर बढ़ रहा है।