रिवालसर झील के पानी की शुद्धता पर एनजीटी की कमेटी रखेगी नजर
यंगवार्ता न्यूज़ - मंडी 10-07-2020
रिवालसर झील के पानी की शुद्धता को बरकरार रखने के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) गंभीर है। एनजीटी के दिशा निर्देश पर रिवालसर झील के जल की गुणवत्ता की निगरानी के लिए जिला स्तर पर कमेटी का गठन किया गया है।
इसके अलावा रिवालसर में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की दिशा में काम किया जा रहा है। झील के वजूद को बचाने व झील को प्रदूषण मुक्त बनाने के जिला प्रशासन व प्रदेश सरकार सालों से कागजी लकीरें पीट रही है।
झील में लगातार बढ़ती गाद की मात्रा से लगातार झील की गहराई की मात्रा कम हो रही है। झील का दायरा भी दिन प्रतिदिन सिकुड़ रहा है।
झील में भारी मात्रा में गाद भरने से झील के अंदर बने प्राकृतिक जल स्त्रोत बंद होने झील में प्राकृतिक जल की भारी कमी हो गई है।
झील की गहराई के कम होने के साथ साथ झील के किनारों पर बने होटलों, सरायों के शौचालय के सेप्टिक टैंकों की गंदगी के मुहानों से रिसाव ने भी समस्या बढ़ाई है।
झील में प्रदूषण की मात्रा बढ़ने से हर साल गर्मियों व बरसात से पहले झील की मछलियों पर कहर बनकर टूटता है।
हालांकि कुछ सालों से झील में मछलियां मरने का सिलसिला बंद हो गया है। झील में चाइनीज प्रजाति की मछलियां है।
इस प्रजाति की एक मछली हर साल लाखों अंडे देती है। झील में मछलियों की तादात बढ़ने व मछलियों को खिलाने वाले खाद्य पदार्थों से झील का पानी प्रदूषित हो रहा है।
लाकडाउन से झील का पानी हुआ साफ: झील पर भी लाॅक डाउन का सकारात्मक असर देखने को मिल रहा है। दिनों दिन बढ़ रहे प्रदूषण के कारण झील पूरी तरह से दूषित हो गई थी, लेकिन लॉक डाउन के कारण अब यह झील खुद ही साफ हो गई। हालांकि नगर पंचायत के साथ साथ स्थानीय निजी संस्था ने भी इस कार्य में अपना योगदान दिया है।