लाॅकडाउन के दौरान जैविक खेती के लिए लोगों को प्रोत्साहित करता कृषि विभाग

लाॅकडाउन के दौरान जैविक खेती के लिए लोगों को प्रोत्साहित करता कृषि विभाग

यंगवार्ता न्यूज़ - नाहन 10-05-2020

वर्तमान परिदृश्य में उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों द्वारा उर्वरकों और कीटनाशकों के उपयोग में निरंतर वृद्धि के बावजूद दिन-प्रतिदिन फसल की उपज में गिरावट आ रही है।

रासायनिक खेती में विभिन्न मदों पर खर्चें न केवल फसलों की लागत को बढ़ाते हैं बल्कि मिट्टी की गुणवत्ता को भी नष्ट करते हैं। रसायनों, कीटनाशकों और उर्वरकों के अत्यधिक उपयोग से खाद्य श्रृंखला में हानिकारक यौगिकों के प्रवेश के साथ-साथ पारिस्थितिकी पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।

अप्रत्याशित जलवायु और रसायनों की बढ़ती लागत के समय में, किसानों के पास जैविक और प्राकृतिक खेती ही सही विकल्प के तौर पर उपलब्ध है। राज्य में खेती की लागत को कम करने और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए, सरकार ने 2020-21 तक 20,000 हेक्टेयर भूमि को प्राकृतिक खेती के तहत लाने का फैसला किया है।

राज्य में हजारों किसानों ने प्राकृतिक खेती को अपनाया और इसका लाभ उठाया है। सिरमौर के किसानों ने भी प्राकृतिक और जैविक खेती में गहरी रुचि दिखाई है।

कोरोना वायरस के कारण लगाए गए देशव्यापी लाॅकडाउन और कर्फ्यू के मद्देनजर जिला प्रशासन सिरमौर ने एक और अनूठी पहल शुरू की है, जिसके तहत लोगों को अपने घरों के पास जैविक खेती अपनाकर सब्जियों को उगाने के लिए अपने समय का सदुपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

जिला प्रशासन की इस पहल को लोगों ने सराहा है। कृषि और पशुपालन विभाग ने नाहन के ऐतिहासिक चैगान मैदान में एक विशेष स्टाल लगाया है, जहाँ अरावली संगठन के स्वयं सेवकों द्वारा वर्मीकम्पोस्ट और काऊडंग लाॅग के साथ लोगों को विभिन्न सब्जियों के ‘बीजों की किट भी प्रदान किए जा रहे हैं।

जिला प्रशासन की इस पहल के तहत 1200 से अधिक बीज किट अब तक लोगों को उपलब्ध कराए गए हैं। इस सीड किट में छह प्रकार की सब्जियां जैसे कि भिंडी, करेला, लौकी, मक्का, फ्रेंच बीन और स्पंज लौकी शामिल हैं।

सब्जियों के बीजों की एक किट जिसकी कीमत 25 रुपये है, उसे स्टाल पर 10 रुपये में उपलब्ध करवाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, लोगों को खाली प्लास्टिक की बोतलों, गमलों, बाल्टियों और खाली बैगों का उपयोग करके घरों से निकलने वाले कचरे से वर्मीकम्पोस्ट बनाने की विधि और खेती के तरीकों के बारे में भी बताया जा रहा है।

इस स्टाल पर पशुपालन विभाग द्वारा वर्मीकम्पोस्ट और काउडंग लाॅग भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। लोग अपने घरों में तैयार किए गए वर्मीकम्पोस्ट का उपयोग करके जैविक खेती कर सकते हैं। इसके अलावा वे बरसात के मौसम में भी गोबर के उपलों को जलाकर मक्खियों और मच्छरों से छुटकारा पा सकते हैं।