विजय हज़ारे ट्रॉफी जीत कर पांवटा पहुंचे टोली, खेल प्रेमियों बिठाया पलकों पर
लम्बे अंतराल के बाद हिमाचल क्रिकेट टीम ने विजय हजारे ट्रॉफी अपने नाम की। इसी जीत के साथ हिमाचल टीम ने क्रिकेट में इतिहास रच डाला, जिसमें सिरमौर के एक खिलाड़ी गुरविंदर सिंह टोली भी शामिल रहे , पांवटा साहिब पहुंचने पर खेल प्रेमियों ने टोली का जमकर किया।
अंकिता नेगी - पांवटा साहिब 31-12-2021
लम्बे अंतराल के बाद हिमाचल क्रिकेट टीम ने विजय हजारे ट्रॉफी अपने नाम की। इसी जीत के साथ हिमाचल टीम ने क्रिकेट में इतिहास रच डाला, जिसमें सिरमौर के एक खिलाड़ी गुरविंदर सिंह टोली भी शामिल रहे , पांवटा साहिब पहुंचने पर खेल प्रेमियों ने टोली का जमकर किया।
बता दे इस दौरान पांवटा एसडीएम विवेक महाजन ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। उन्होंने कहा कि न केवल सिरमौर बल्कि गुरविंदर सिंह टोली ने हिमाचल का नाम रोशन किया है। उन्होंने ये कर दिखाया क्योंकि उनमें काबिलियत रही और पहली दफा विजय हज़ारे ट्रॉफी को जीता है।
खेल प्रेमियों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि गुरविंदर सिंह टोली ने इंडिया टीम से खेलकर सिरमौर का नाम रोशन किया ,1973 का इतिहास एक बार फिर दोहराया गया है और अब सिरमौर का भविष्य और उज्ज्वल होने वाला है ,इनसे ही आने वाले खेल प्रेमी सीखेंगे व अपना उज्ज्वल भविष्य बनाएंगे।
इस दौरान क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष अतर सिंह नेगी ने खेल प्रेमियों को सम्बोधन देते हुए कहा की वह 1990 से क्रिकेट में जुड़े हुए हैं, गुरविन्दर सिंह टोली ने सिरमौर का नाम रोशन किया है,आज हिमाचल की टीम क्रिकेट के क्षेत्र में टक्कर देने काबिल है।
खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम को एक स्वरूप दिया है, जिसमे युवा खिलाड़ी खेलते हैं। बात करें सराह , राजगढ़ में दो क्रिकेट अकेडमी खुली है तो वहीं पहली दफा सिरमौर में महिला क्रिकेट अकादमी की शुरुआत हुई है।
उन्होंने कहा को चड़ीगढ़, उत्तरप्रदेश, दिल्ली, पंजाब में प्रैक्टिस के लिए बच्चों को भेजा जाता है और एसोसिएशन की ओर से हर सम्भव युवाओं की मदद की जाती है। एक बार फिर गुरविंदर सिंह टोली को बधाई देते हुए कहा कि इन्होंने सिरमौर का मान बढ़ाया है ,वहीं जल्द ही क्रिकेट स्टेडियम हरिपुर टोहाना में जल्द खोला जाएगा ,जो खेल प्रेमियों को समर्पित होगा।
इस मौके पर पांवटा प्रेस क्लब के अध्यक्ष आरपी तिवारी ने कहा कि गुरविंदर टोली एक हीरो हैं। तिवारी ने कहा कि पहले अखबार के पिछले पन्ने पर खेलों की ख़बरें छपा करती थी, लेकिन आज फ्रंट पेज पर वही खेलों की खबरें छपती हैं, जो खिलाड़ियों की देन है, क्योंकि आज खेलों को खेलों के नही अपितु एक लक्ष्य स्वरूप देखा जाता है।
बेहतरीन खिलाड़ी के रूप में विजय हज़ारे ट्रॉफी जीत कर गुरविंदर टोली सिरमौर लोटे हैं, जिनके आने पर समस्त खेल प्रेमियों में देखते ही जश्न का माहौल बन रहा था। गौर हो कि विजय हजारे ट्रॉफी के फाइनल में हिमाचल प्रदेश ने तमिलनाडु को हराया है, जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में खेले गए खिताबी मुकाबले में हिमाचल ने 6 विकेट से जीत दर्ज की।
तमिलनाडु ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 49.4 ओवर में 314 रन बनाए। इसके जवाब में हिमाचल ने 47.3 ओवर में 299 रन बनाए, लेकिन मैच के अंतिम लम्हों में अंधेरा हो गया। इसके बाद वीजेडी मेथड के तहत हिमाचल को विजेता घोषित कर दिया गया। बता दें हिमाचल ने पहली बार कोई घरेलू टूर्नामेंट जीता हैं,साथ ही हिमाचल ने पहली बार विजय हजारे ट्रॉफी अपने नाम की हैं।
हिमाचल प्रदेश की जीत में युवा ओपनर शुभम अरोड़ा ने बड़ी भूमिका अदा की। अपना सिर्फ 8 वां लिस्ट मैच खेल रहे शुभम अरोड़ा ने 131 गेंदों में नाबाद 136 रन बनाए। शुभम अरोड़ा ने अपनी शतकीय पारी में 13 चौके और एक छक्का लगाया था।
अमित कुमार ने भी 74 रनों की बेहतरीन पारी खेली। अंत में कप्तान ऋषि धवन ने 23 गेंदों में नाबाद 42 रन बनाकर अपनी टीम को चैंपियन बनाया था। हिमाचल क्रिकेट टीम कि इस ऐतिहासिक जीत पर प्रदेश भर में खुशी की लहर रही, तो वहीं बधाइयों का तांता लगा रहा।
हिमाचल क्रिकेट को इस मुकाम तक पहुंचाने वाले केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, बीसीसीआई कोषाध्यक्ष अरुण धूमल व सिरमौर क्रिकेट एसोसिएशन अध्यक्ष अतर नेगी ने हिमाचल क्रिकेट की इस कामयाबी पर खुशी जाहिर करते हुए टीम को बधाई दी।
बता दे कि टोली जब स्कूल में पढ़ाई करते थे तब से ही इनका क्रिकेट की ओर रुझान गया है, साइकिल पर बहराल से स्कूल की ड्रेस पर यह एमसी मैदान में क्रिकेट खेलने आते थे , क्रिकेट का बचपन से शौक टोली को रहा।
पहले फ़टी पेंट व जूतों में यह क्रिकेट पिच तक पहुंच जाते थे, शून्य लेवल से आज इंडिया टीम से खेलकर विजय हज़ारे"ट्रॉफी जीतकर गुरु की नगरी में कदम रखे, अभी सफर यहीं नही खत्म हुआ है आगे भी कई खेल प्रेमियों के लिए प्रेणा स्त्रोत बनना है ।
टोली ने खेल प्रेमियों से कहा कि जब वह मैदान में खेले और विजय हुए तो उन्हें कुछ खास लगा नही लेकिन आज देखकर खुशी हो रही है, की सच में हम जीत कर आये हैं। उनका कहना है कि पिछले सालों में चार बार वह तमिलनाडु को हरा चुके हैं।
एक खिलाड़ी को खेलने के लिए मैदान व सारी सुविधाएं, शरीर को सुदढ़ बनाने के लिए ट्रेनर होने की सख्त जरूरत होती है, अपनी दिनचर्या को नियमित रखना जरूरी है , तभी खेलों में लक्ष्य का पूरा होना तय है। अपनी इस जीत को उन्होंने खेल मंत्री अनुराग ठाकुर की जीत बताया है। इस मौके पर दानिश ,अश्वनी राय , मधुकर डोगरी व अन्य खेल प्रेमी उपस्थित रहे।