पदभार संभालने के पांच दिन बाद भी नेत्र रोग विशेषज्ञ को अलाट नहीं हुआ  कमरा , भटक रहे मरीज 

सिविल अस्पताल में ज्वाइन करने को तैयार नहीं डॉक्टर, ऊर्जा मंत्री जता चुके हैं विवशता

पदभार संभालने के पांच दिन बाद भी नेत्र रोग विशेषज्ञ को अलाट नहीं हुआ  कमरा , भटक रहे मरीज 

सिविल अस्पताल में ज्वाइन करने को तैयार नहीं डॉक्टर, ऊर्जा मंत्री जता चुके हैं विवशता


यंगवार्ता न्यूज़ - पांवटा साहिब  31-12-2021


उपमंडल पांवटा साहिब के सिविल अस्पताल में नेत्र विशेषज्ञ को पदभार संभाला पांच दिन से अधिक हो गए हैं, लेकिन अस्पताल परिसर में उन्हें अभी तक कमरा अलॉट नहीं किया गया है।

अस्पताल परिसर में नेत्र विशेषज्ञ के कमरे 303 नंबर पर ताला लटका हुआ है। जिस कारण दूरदराज क्षेत्र से आने वाले मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार पांवटा साहिब सिविल अस्पताल लगातार विवादों में रहा है।

सिविल अस्पताल में पहले तैनात नेत्र विशेषज्ञ संजीव सहगल के पदोन्नति होने के बाद नेत्र विशेषज्ञ का पद खाली चला हुआ था। जिसके बाद लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था वह लोग निजी क्लीनिकों पर जाने को विवश हो रहे थे।

लेकिन एक सप्ताह पहले प्रदेश सरकार ने सिविल अस्पताल पांवटा साहिब में नेत्र विशेषज्ञ नियुक्ति के आदेश जारी किए। जिसके बाद नेत्र विशेषज्ञ हरीश चौहान ने एक सप्ताह पहले सिविल अस्पताल में जॉइनिंग कर लिया। लेकिन पांच दिन से अधिक समय बीत जाने के बावजूद भी अस्पताल में डॉक्टर को कमरा अलॉट नहीं किया गया है।

जिस कारण नेत्र रोग विशेषज्ञ कमरा नंबर 303 में ताला लटका हुआ है। लोगों को सही जानकारी न मिलने के कारण इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। शिलाई विकासखंड के पूर्व बीडीसी अध्यक्ष बहादुर सिंह ने बताया कि वह पिछले 3 दिन से लगातार सिविल अस्पताल पांवटा साहिब में अपनी आंखें चेक करवाने के लिए आ रहे है , लेकिन जब भी नेत्र विशेषज्ञ के कमरा नंबर 303 के पास जाते हैं। वहां पर अकसर ताला लटका हुआ मिलता है।

उन्होंने बताया कि सिविल अस्पताल में 70 से 80 किलोमीटर दूर से लोग अपने उपचार करवाने के लिए आते हैं , लेकिन यहां पर अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हैरानी की बात है कि ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी पहले ही विवशता जता चुके हैं कि कई बार आदेश करवाने के बाद भी सिविल अस्पताल पांवटा साहिब में कोई डॉक्टर ज्वाइन करने को तैयार नहीं है।

ऐसे में नए ज्वॉइन किए डॉक्टर के प्रति अस्पताल प्रशासन के इस लापरवाही भरा रवैया से सवाल खड़े हो गए हैं। उधर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संजीव सहगल ने बताया कि पांवटा साहिब सिविल अस्पताल में नेत्र विशेषज्ञ की तैनाती की गई है। नेत्र विशेषज्ञ के कमरे ना खोलने के मामले में एसएमओ प्रभारी से जवाब तलब करेंगे।