विधानसभा घेराव के दौरान जल रक्षकों की पुलिस के साथ झड़प , मांगों को लेकर शिमला में संघ का प्रदर्शन 

हिमाचल जल रक्षक महासंघ ने बुधवार को विधानसभा का घेराव कर प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान जल रक्षकों और पुलिस के बीच झड़प भी हो गई

विधानसभा घेराव के दौरान जल रक्षकों की पुलिस के साथ झड़प , मांगों को लेकर शिमला में संघ का प्रदर्शन 

 

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  10-08-2022
 
हिमाचल जल रक्षक महासंघ ने बुधवार को विधानसभा का घेराव कर प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान जल रक्षकों और पुलिस के बीच झड़प भी हो गई। प्रदेशभर से सैकड़ों की संख्या में पहुंचे जल रक्षक चौड़ा मैदान में इकट्ठे हुए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। जल रक्षकों ने नारा लगाया, हक मिलेगा काम करेंगे, वरना पानी बंद करेंगे। भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा बल तैनात किया था। चारों ओर से बैरिकेडिंग कर जल रक्षकों को घेरा बनाकर रोका था। 
 
 
11:45 बजे पर एसडीएम शिमला ग्रामीण निशांत ठाकुर मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों से 5 लोगों के नाम की सूची देकर सरकार से बातचीत करवाने का आश्वासन दिया। प्रदर्शनकारियों ने प्रस्ताव ठुकरा दिया और भड़क गए। इस बीच कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बैरिकेड को हटाने के लिए धक्का लगाना शुरू कर दिया जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई। दोपहर 12:00 बजे क्यूआरटी को मौके पर बुलाकर प्रदर्शनकारियों को रोकने का प्रयास किया। 
 
 
इस दौरान प्रदर्शन करने पहुंचीं महिलाएं भी पुलिस के साथ उलझ गईं। 20 मिनट तक स्थिति तनावपूर्ण बनी रही। इस बीच एसडीएम शिमला ग्रामीण निशांत ठाकुर ने प्रदर्शनकारियों को चेतावनी दी कि उन्हें प्रदर्शन के लिए दी गई मोहलत खत्म हो गई है। शांति बनाए रखें अन्यथा सख्त कार्रवाई होगी। इसके बाद भी प्रदर्शनकारी नहीं माने और शोर शराबा करते रहे। 12:30 बजे जल रक्षक संघ के पांच प्रतिनिधियों को विधानसभा के भीतर भेजने के लिए तैयार हुए। 
 
 
संघ के प्रदेशाध्यक्ष ज्वालू राम ने कहा कि मुख्यमंत्री और आईपीएच मंत्री ने अक्टूबर 2018 में शिमला में हुए सम्मेलन में जल रक्षकों को पक्का करने का वादा किया था, सरकार ने धोखा दिया है। पांच साल खत्म होने को है अभी तक एक भी मांग पूरी नहीं की गई है। ज्वालू राम ने बताया कि बैठक में अनुबंध कार्यकाल आठ साल करने की मांग रखी है। हिमाचल जल रक्षक महासंघ के प्रतिनिधियों ने प्रदर्शन के दौरान कहा कि मुख्यमंत्री जी 4500 रुपये में परिवार नहीं पलता। 
 
 
सुबह 9 से रात 10 बजे तक काम करते हैं। कोई छुट्टी नहीं मिलती। अक्तूबर 2018 में आपने पक्का करने का वादा किया था, 5 साल हो गए हमारा कुछ नहीं हुआ। कुछ तो सोचिए।  जल रक्षकों सरकार से मांग की कि उनके वेतन में बढ़ोतरी की जाए , साथ ही 12 साल की जगह अनुबंध कार्यकाल 8 साल करें और अनुबंध कर्मियों की तरह अवकाश की व्यवस्था की जाए।