वेब सीरीज 'रामयुग' के विरोध में साध्वी कल्याणी गिरी ने उपायुक्त कार्यालय के बाहार दिया धरना
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 23-08-2021
फ़िल्म निर्माता निर्देशक कुणाल कोहली की एम एक्स प्लेयर पर रिलीज वेब सीरीज 'रामयुग' को लेकर इन दिनों विवाद बढ़ता ही जा रहा है।
शिमला में पंचदशनाम आवाहन अखाड़े की साध्वी कल्याणी गिरी ने सोमवार को पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि इस वेब सीरीज में करोडो हिंदुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ किया गया है।
उन्होंने कहा कि इस वेब सीरीज़ में रामायण राम कथा के सभी पात्रों का चरित्र चित्रण शास्त्रों के विरुद्ध दिखाया गया है। उन्होंने इस वेब सीरीज के विरोध में उपायुक्त कार्यालय के बाहर शांतिपूर्ण तरीके से धरना प्रदर्शन भी किया।
उन्होंने कहा कि यह धरना प्रदर्शन 26 अगस्त तक जारी रहेगा। हम प्रदेश सरकार औऱ पुलिस प्रशासन से मांग करते हैं की रामयुग वेब सीरीज को एम एक्स प्लेयर पर बेन किया जाए। जल्द से जल्द फ़िल्म निर्माता निर्देशक कुणाल कोहली और संजना चोपड़ा को गिरफ्तार किया जाए।
उन्होंने कहा कि राम युग के बहाने एक बार फिर से भारतीय सनातन संस्कृति पर आघात किया गया है। उन्होंने कहा कि ऐसा पहले भी ऐसा कई बार हुआ है।
कभी फिल्म के माध्यम से तो कभी वेब सीरीज बना करके हमारी आस्था को आहत किया जाता है। हमारे देवी-देवताओं का अपमान किया जाता है। एक नहीं सैकडों ऐसी जगहें हैं जहाँ बार बार सनातन धर्म व शास्त्रों के विरुद्ध राम आदि पात्रों को दिखाया गया है।
उन्होंने कहा कभी इस्लाम या ईसाई धर्म को लेकर तो कोई फ़िल्म नही बनती। उन्होंने कहा कि हर बार हिन्दू धर्म ही क्यों।इस वेब सीरीज में बिना तिलक, बिना जनेऊ, बिना मुकुट व हनुमान आदि को मुस्लिम की तरह दिखाना पूरी तरह हमारे आराध्यों का अपमान है। हम इस वेब सीरीज का विरोध करते हैं।
आखिर किसने इन फिल्म वेब सीरीज बनाने वालो को यह अधिकार दिया है कि वो करोड़ों सनातनियों की आस्था को ठेस पहुंचाए। क्या मनोरंजन और पैसे कमाने के लिए वो कुछ भी करेंगे।
कितनी विडम्बना है कि बार बार ऐसी फिल्में एवं वेब सीरीज आती है। जिसमें हिन्दुओं की आस्था को क्षति पहुंचाई जाती है और बाद में माफी मांग कर ये लोग बच जाते हैं।
उन्होंने कहा जब तक हम इसका कड़ा विरोध नहीं करेंगे। इन पर कड़ी कार्रवाई नहीं करेंगे। हैरानी होती है कि भारत सरकार का फिल्म प्रमाणन बोर्ड सेंसर बोर्ड क्यों ऐसी फिल्म व वेब सीरीज को रिलीज करने की अनुमति देता है।
ऐसे फिल्म निर्माताओं और वेब सीरीज निर्माताओं पर कानूनी कार्यवाही की जानी चाहिए ताकि दोबारा कोई ऐसा न कर सके।