विश्व में बढ़ी दवाइयों की मांग, अब हिमाचल के उद्योगों में 24 घंटे होगा उत्पादन
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 10-04-2020
अमेरिका में बहुप्रतिक्षित दवा हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) के उत्पादन में बीबीएन के फार्मा उद्योग पसीना बहाने को तैयार हैं। न सिर्फ अमेरिका बल्कि विश्व के दूसरे देशों से भी इस दवा की मांग आती है तो हिमाचल के पांवटा साहिब , कालाअंब और बीबीएन में उत्पादन 24 घंटे शुरू हो जाएगा। दवा निर्माता उद्योगों ने साफ किया है कि किसी भी सूरत में दवाओं की किल्लत नहीं होने दी जाएगी।
भारत में दवाओं का पर्याप्त स्टॉक मौजूद है। हालांकि, फार्मा उद्योगों को कच्चे माल की कमी से जूझना पड़ रहा है। इस वजह से फिलहाल 20 फीसदी ही उत्पादन हो रहा है। फार्मा उद्योगों में सिर्फ जरूरत और जीवनरक्षक दवाओं का निर्माण जारी है। जिन दवाओं का उत्पादन हो रहा है, उनमें अमेरिका की सबसे बड़ी जरूरत बन चुकी मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन भी शामिल है।
उद्योगों ने कर्फ्यू लगने से पूर्व जो कच्चा माल जमा कर लिया था, उसका इस्तेमाल अब दवा निर्माण में हो रहा है। गौर हो कि एशिया में खपत होने वाली 55 से 60 फीसदी दवाओं का हिमाचल में निर्माण होता है। हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन के अलावा इस समय हार्ट, पीसीएम, बीपी, कफ सिरप का अधिक निर्माण हो रहा है ताकि लोगों को इन जीवन रक्षक दवाओं की कोई कमी न रहे।
हिमाचल दवा निर्माता संघ व प्रदेश दवा नियंत्रक प्राधिकरण का कहना है कि प्रदेश में दवाओं की कोई कमी नहीं है और यदि ऑर्डर आते हैं तो हिमाचल प्रदेश के दवा उद्योग उसे बनाने में पूरी तरह से सक्षम हैं। हिमाचल में करीब एक हजार दवा उद्योग है , जिनमे से बीबीएन में 630 दवा उद्योग दवा बनाने का काम करते हैं और आजकल कोविड-19 को लेकर बरती जा रही सावधानियों के कारण ट्रांसपोर्टेशन बंद है।
बाहरी राज्यों सहित विदेशों से कच्चे माल की कमी हो रही है। ऐसे में उद्योग अपने पास समाहित संसाधनों व कच्चे माल से ही दवाओं का निर्माण कर रहे हैं। हालांकि प्रदेश के उद्योगों को पड़ोसी प्रदेशों से कामगारों को लाने की भी अनुमति जिला प्रशासन दे रहा है, लेकिन कई कामगार पहले से ही अपने घरों को चले गए हैं, जिससे श्रमिकों की भी कमी हो गई है।
हिमाचल दवा निर्माता संघ के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. राजेश गुप्ता ने कहा कि भारत दूसरे देशों को मांग के हिसाब से दवा भेजने में सक्षम है। दवा नियंत्रक प्राधिकरण के राज्य दवा नियंत्रक नवनीत मरवाहा ने कहा कि उद्योगों में दवाओं का निर्माण कार्य चला हुआ है। प्रदेश के दवा उद्योग इतने सक्षम हैं कि यदि उन्हें ऑर्डर मिलेगा तो उसे पूरा किया जाएगा। फिलहाल जरूरत के हिसाब से उत्पादन जारी है और दवाओं में किसी तरह की कोई कमी नहीं है।