यंगवार्ता न्यूज़ - कुल्लू 27-03-2022
शिक्षा में वो शक्ति है जो किसी भी राष्ट्र में बदलाव ला सकती है। इसलिये जरूरी है कि समाज में प्रत्येक व्यक्ति अच्छी से अच्छी शिक्षा ग्रहण करके न केवल अपने आप को जीवन में आने वाली कठिनाईयों से पार पाने में सक्षम बने, बल्कि समाज को बदलने का मादा भी उसके अंदर उत्पन्न हो। यह बात शिक्षा व कला, भाषा एवं संस्कृति मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने अटल सदन कुल्लू के सभागार में समग्र शिक्षा अभियान के तहत जिला स्तरीय सामुदायिक सहभागिता कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कही।
गोविंद ठाकुर ने कहा कि समाज में परिवर्तन लाने के लिये जरूरी है कि सबसे पहले अपने आप में परिवर्तन लाया जाए। उन्होंने कहा कि अध्यापन कार्य से जुड़े लोगों को ईश्वर ने विशेष कृपा की है, इसलिये अध्यापन कार्य के लिये शिक्षण संस्थानों में तथा समाज में एक सकारात्मक माहौल का निर्माण किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि दशकों से हमारी शिक्षा पद्धति में कमियां थी। व्यक्ति को स्वार्थी बनाने का काम भी त्रुटिपूर्ण शिक्षा का ही नतीजा है। उन्होंने कहा कि समाज को मजबूत बनाना है तो व्यक्ति को निजी योगदान का आकलन करना होगा।
समाज में डिमाण्डिग होने की प्रवृति को रोकना होगा और कर्तव्यों के प्रति सजग बनाना होगा। शिक्षा मंत्री ने सरकारी स्कूलों में नामांकन दर को बढ़ाने के लिये समस्त शिक्षकों से चिंता करने की बात कही। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों से बहुत से बच्चे समाज में उच्च पदों पर आसीन हुए हैं, लेकिन अभिभावकों व बच्चों में इन स्कूलों के प्रति सोच की खाई को पाटने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मुख्य उद्देश्य भारतीय शिक्षा प्रणाली को बेहतर बनाना है और विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास करना है। इस नीति में 10 - 2 का फार्मूला समाप्त करके 5 - 3 और 3 - 4 का फार्मूला दिया गया है। न्यू एजुकेशन पॉलिसी को तैयार करने के दौरान हर छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखा गया है।
नए नियम के लाभ और नुकसान पर चर्चा की गई है। इसे तैयार किया जाने के दौरान गांवों और छोटे कस्बों पर भी मुख्य जोर दिया गया है। नई शिक्षा नीति समाज में बड़ा बदलाव लाने में कारगर साबित होगी। विद्यार्थियों का बोझ इसमें कम करने पर जोर दिया गया है। नये फार्मूले की बात करें तो इसके अंतर्गत 5 में से पहले 3 वर्ष खेलकूद व बाकी 2 वर्ष पहली व दूसरी कक्षा से संबंधित है। अगले 3 वर्ष पांचवी तक फिर अगले 3 वर्ष आठवीं तक और अगले 4 वर्ष आठवीं से बारहवीं तक संबंधित है।विद्यार्थियों के लिए अब दसवीं कक्षा पश्चात चुनी जाने वाली स्ट्रीम को खत्म कर दिया गया है। अब आने वाले समय से छात्र अपना मनपसंद विषय चुन सकते हैं और अपने अनुसार उन विषयों का चुनाव कर सकते हैं जिन्हें वे पढ़ना पसंद करते हो।
कॉलेज स्तर पर स्नातक प्रणाली में बड़ा बदलाव किया गया है। अब हर साल का अलग-अलग प्रमाण पत्र छात्रों को दिया जाएगा। शिक्षा मंत्री ने इस अवसर पर उत्कृष्ट आंकी गई स्कूल प्रबंधन समितियों के अलावा स्वयं सेवी संस्थाओं, स्कूली बच्चों व अध्यापकों को पुरस्कार भी वितरित किये। इससे पूर्व उन्होंने शिक्षा से जुड़ी प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। उपनिदेशक उच्च शिक्षा शांति लाल शर्मा, उपनिदेशक निरीक्षण महेन्द्र ठाकुर, अरूण कम्बोज, नयना कम्बोज, श्याम कुल्लवी , जिला के विभिन्न भागों से एसएमसी प्रतिनिधि, प्रधानाचार्य, बीआरसी, अध्यापक तथा छात्र-छात्राएं कार्यक्रम में मौजूद रहे।