शांत होने का नाम नहीं ले रही ज्वालामुखी भाजपा की ज्वाला जानिए कैसे.....
यंगवार्ता न्यूज़ - काँगड़ा 01-11-2020
ज्वालामुखी में दो नेताओं में बढ़ते विवाद के बीच भाजपा मंडल सहित मोर्चा व प्रकोष्ठों को बर्खास्त किए जाने के बाद अब ज्वाला यहां पर और भी भड़क उठी है। मामला संगठन मंत्री पवन राणा और रमेश ध्वाला के बीच आपसी जंग को लेकर रहा है पर अब बर्खास्ती की गाज विशेषकर धवाला के समर्थकों पर गिरी है।
मंडल सहित विभिन्न ओहदों से बर्खास्त किए गए नेताओं के कारण धवाला के समर्थक भले ही बैकफुट पर हैं। पर उनके तेवर अभी भी पूरी तरह से तीखे ही हैं। स्प्ष्ट उनके द्वारा यह भी है कि हम भी पार्टी के सिपहसलार हैं और क्यों हम पर ही यह गाज गिराई गई है। लड़ाई अब आमने-सामने की भी है।
जिसे लेकर आगाह भी किया गया है। पदाधिकारियों का कहना है ज्वालामुखी मंडल भाजपा को कमजोर करने वाले, विधायक रमेश धवाला के खिलाफ दुष्प्रचार करने वाले और दूसरी पार्टियों से आए लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई, उसका सभी को मलाल है, क्योंकि पार्टी हाईकमान की नजर में सभी एक बराबर होने चाहिएं।
लेकिन रमेश धवाला के समर्थकों पर गाज गिरी है, जबकि दूसरे धड़े के लोग आज भी अनुशासनहीनता की सभी सीमाएं तोड़ने के बाद भी अपने पदों पर कायम हैं। यह सरासर अन्याय है और इसके खिलाफ वे आगे भी आवाज बुलंद करते रहेंगे।
उनको पार्टी हाईकमान नोटिस भेजकर उनका पक्ष जानती उसके बाद कार्रवाई की जाती किसी बड़े नेता को पर्यवेक्षक बनाकर यहां भेजते तो उनको सच्चाई का पता चलता।
उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप से मांग की है कि ज्वालामुखी में किसी बड़े भाजपा नेता को पर्यवेक्षक के रूप में भेजकर यहां की वस्तुस्थिति को समझा जाए और पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं के बयान दर्ज किए जाएं, उसके बाद ही अगली कार्रवाई अमल में लाई जाए। इस तरह से निर्दोष पार्टी कार्यकर्ताओं को सूली पर चढ़ाना भाजपा के लिए सही कदम नहीं है।